हाँ, सुप्रीम कोर्ट को किसी आपराधिक मामले पर रोक लगाने की अधिकार होती है। सुप्रीम कोर्ट एक उच्चतम न्यायालय होती है और भारतीय संविधान के तहत संविधानीय प्रशासन की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए जिम्मेदार होती है। सुप्रीम कोर्ट को किसी आपराधिक मामले पर रोक लगाने के लिए व्यक्ति को उच्चतम न्यायालय में एक "पिटीशन" दायर करनी होती है। इस पिटीशन में व्यक्ति को आपराधिक मामले की जानकारी, अदालत में रोक लगाने के लिए दावा के आधार पर वकील द्वारा प्रस्तुत आपत्ति, और सुप्रीम कोर्ट की अधिकारिक जुड़वां अवधि में वकीलों के सामरिक मुद्दों पर वाद-विवाद करना शामिल होता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट को अपने स्वयं के प्रावधानों और भारतीय संविधान के अनुसार, विशेष प्राधिकार होते हैं जिनके तहत वह आपराधिक मामले पर तत्काल रोक लगा सकती है या अन्य निर्णय दे सकती है। महत्वपूर्ण है कि आप एक वकील से संपर्क करें जो आपके विशेष स्थिति का मूल्यांकन कर सकेगा और आपको आपके मामले के लिए सरकारी और कानूनी विकल्पों के बारे में जानकारी और सलाह प्रदान करेगा। वकील आपकी मामले की विशेषताओं और आपके न्यायाधीशों द्वारा जारी किए जाने वाले निर्णयों के साथ अवगत होगा और आपको उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
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