पुलिस अपराधी को जमानत पर छोड़ने की स्वतंत्रता नहीं होती है। जमानत की प्रक्रिया न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे न्यायिक अधिकारी द्वारा निर्धारित किया जाता है। जब किसी अपराध के आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे बाद में न्यायिक अधिकारी के सामने पेश किया जाता है। जमानत पर छूटने की संभावना तब होती है जब न्यायिक अधिकारी अपराधी के लिए जमानत की मांग स्वीकार करते हैं। जमानत राशि और अन्य शर्तें जमानत पत्र में निर्धारित की जाती हैं। ये शर्तें अपराध के प्रकार, संगठनिक गतिविधियाँ, पिछले अपराधिक रिकॉर्ड, साक्ष्य, गवाहों की प्रमाणिकता आदि के आधार पर तय की जाती हैं। जमानत पर छूटने की स्वीकृति देने से पहले, न्यायिक अधिकारी सामरिक अपराध को गंभीरता से मान्यता देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि जमानत वाले व्यक्ति न्यायिक प्रक्रिया का पालन करेगा और अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए मौजूद साक्ष्य को प्रभावी ढंग से संभाला जाएगा। इसलिए, जमानत की अवधि अपराध के प्रकार, गिरफ्तार किए जाने वाले अपराधी के चरित्र और अन्य कानूनी तत्वों पर निर्भर करेगी। यह न्यायिक प्रक्रिया के दौरान तय की जाती है और न्यायिक अधिकारी के विवेक पर निर्भर करेगी।
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