भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड का दावा करने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं। यहाँ मुख्य चरणों का विवरण दिया गया है: रिफंड के लिए पात्रता: कर का अतिरिक्त भुगतान: यदि आपने अपनी देयता से अधिक कर का भुगतान किया है, तो आप रिफंड के लिए पात्र हैं। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) संचय: यदि आपका इनपुट टैक्स क्रेडिट आपके आउटपुट टैक्स से अधिक है, तो आप अतिरिक्त राशि का रिफंड दावा कर सकते हैं। माल या सेवाओं का निर्यात: निर्यातक निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं पर भुगतान किए गए इनपुट टैक्स का रिफंड दावा कर सकते हैं। उलटा शुल्क संरचना: यदि इनपुट पर कर की दर आउटपुट वस्तुओं/सेवाओं पर कर की दर से अधिक है, तो आप रिफंड के लिए पात्र हो सकते हैं। जीएसटी रिफंड आवेदन दाखिल करना: रिफंड आवेदन जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन दाखिल किया जाना चाहिए। रिफंड का दावा करने के लिए प्रासंगिक फॉर्म जीएसटी आरएफडी-01 है। रिफंड दावा दाखिल करने के चरण: जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें: अपने क्रेडेंशियल का उपयोग करके जीएसटी पोर्टल पर पहुँचें। रिफंड प्रकार चुनें: उचित रिफंड प्रकार चुनें, जैसे कि अतिरिक्त कर का भुगतान, माल/सेवाओं का निर्यात, या उलटा शुल्क ढांचा। फ़ॉर्म भरें: रिफंड राशि, कर अवधि और अन्य आवश्यक जानकारी जैसे विवरण प्रदान करके रिफंड आवेदन को पूरा करें। दस्तावेज जमा करें: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें, जैसे कि चालान विवरण, भुगतान का प्रमाण, निर्यात चालान (यदि लागू हो), और बैंक खाता विवरण। पावती और प्रसंस्करण: आवेदन जमा करने के बाद, आपको फॉर्म जीएसटी आरएफडी-02 में एक पावती रसीद प्राप्त होगी। आवेदन को जीएसटी अधिकारी द्वारा संसाधित किया जाएगा जो प्रदान किए गए विवरण और दस्तावेजों को सत्यापित करेगा। कमी ज्ञापन (यदि आवश्यक हो): यदि जीएसटी अधिकारी को कोई विसंगति या गुम जानकारी मिलती है, तो फॉर्म जीएसटी आरएफडी-03 में एक कमी ज्ञापन जारी किया जाएगा, और आपको 15 दिनों के भीतर मुद्दों को सुधारने का मौका दिया जाएगा। रिफंड स्वीकृति: आवेदन सत्यापित होने और सही पाए जाने के बाद, फॉर्म जीएसटी आरएफडी-06 में रिफंड स्वीकृत किया जाएगा। रिफंड की राशि आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी। विलंबित रिफंड पर ब्याज: यदि आवेदन प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर रिफंड संसाधित नहीं किया जाता है, तो जीएसटी कानून के प्रावधानों के अनुसार विलंबित रिफंड पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। रिफंड अस्वीकृति: यदि रिफंड दावा अस्वीकार कर दिया जाता है, तो करदाता को फॉर्म जीएसटी आरएफडी-07 में अस्वीकृति आदेश प्राप्त होगा, और अस्वीकृति के कारण प्रदान किए जाएंगे। रिफंड के लिए समय सीमा: रिफंड दावे प्रासंगिक तिथि (जैसे, निर्यात की तिथि, कर का भुगतान, आदि) से दो साल के भीतर दायर किए जाने चाहिए। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि करदाता जीएसटी व्यवस्था के तहत अतिरिक्त भुगतान किए गए कर या पात्र इनपुट क्रेडिट के लिए रिफंड का दावा कर सकते हैं।
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