हां, परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होने पर आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है। यह कानून भुगतानकर्ता (जिस व्यक्ति को चेक जारी किया गया है) को चेक जारीकर्ता (जिस व्यक्ति ने चेक जारी किया है) के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुमति देता है, यदि चेक अपर्याप्त धन जैसे कारणों से बाउंस होता है। आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की प्रक्रिया इस प्रकार है: चेक बाउंस: अपर्याप्त धन या अन्य कारणों से बैंक द्वारा चेक का अनादर किया जाता है। नोटिस: भुगतानकर्ता को बैंक से अनादर नोटिस प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर चेक जारीकर्ता को कानूनी नोटिस भेजना होगा। प्रतिक्रिया समय: कानूनी नोटिस प्राप्त करने के बाद चेक जारीकर्ता के पास भुगतान करने के लिए 15 दिन का समय होता है। आपराधिक शिकायत: यदि चेक जारीकर्ता 15 दिनों के भीतर भुगतान करने में विफल रहता है, तो भुगतानकर्ता मजिस्ट्रेट की अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कर सकता है। चेक बाउंस की सजा में दो वर्ष तक का कारावास या चेक राशि का दोगुना तक जुर्माना या दोनों शामिल हो सकते हैं।
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