बैंक की गलती के कारण चेक अनादर के लिए उपाय यदि बैंक की गलती के कारण चेक अनादरित हो जाता है, तो चेक जारीकर्ता (जारीकर्ता) और प्राप्तकर्ता (प्राप्तकर्ता) के पास बैंक के खिलाफ कानूनी उपाय हैं। 1. बैंक में शिकायत दर्ज करना खाताधारक को तुरंत बैंक में लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिए, जिसमें गलती की व्याख्या करनी चाहिए। बैंक को गलती को सुधारना होगा और यदि आवश्यक हो, तो लिखित माफ़ी भी जारी करनी होगी। यदि अनादर के कारण वित्तीय नुकसान हुआ है, तो बैंक से खाताधारक को मुआवज़ा देने के लिए कहा जा सकता है। 2. बैंकिंग लोकपाल शिकायत यदि बैंक समस्या का समाधान नहीं करता है, तो RBI की एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 के तहत बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज की जा सकती है। लोकपाल बैंक को वित्तीय और प्रतिष्ठा संबंधी नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दे सकता है। 3. बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत, प्रभावित पक्ष सेवा में कमी के लिए उपभोक्ता आयोग में मामला दर्ज कर सकता है और हर्जाने का दावा कर सकता है। यदि अनादर के कारण व्यवसाय में नुकसान या मानहानि होती है, तो हर्जाने के लिए दीवानी मुकदमा भी दायर किया जा सकता है। 4. चेक का पुनर्वैधीकरण और पुनः जारी करना चेक जारी करने वाला व्यक्ति बैंक की गलती के स्पष्टीकरण के साथ आदाता को नया चेक जारी कर सकता है। यदि शुल्क गलत तरीके से काटा गया था, तो बैंक को उन्हें वापस करना चाहिए। 5. गलत तरीके से अनादर पर RBI के दिशा-निर्देश RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चेक केवल वैध कारणों से ही अनादरित हों। यदि सिस्टम त्रुटि, गलत प्रोसेसिंग या बैंक की लापरवाही के कारण अनादर होता है, तो बैंक उत्तरदायी होगा। निष्कर्ष यदि बैंक की गलती के कारण चेक अनादरित होता है, तो प्रभावित पक्ष बैंकिंग लोकपाल, उपभोक्ता आयोग या सिविल न्यायालयों के माध्यम से सुधार, मुआवज़ा या कानूनी उपाय मांग सकता है।
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