कॉर्पोरेट चेक बाउंस मामले में, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे ही कंपनी की ओर से चेक पर हस्ताक्षर करते हैं। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत, अगर कंपनी द्वारा जारी किया गया चेक अपर्याप्त फंड या अन्य कारणों से बाउंस होता है, तो कंपनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता दोनों को कानूनी रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की ज़िम्मेदारी प्राथमिक ज़िम्मेदारी: अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कंपनी के साथ व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी है क्योंकि उन्होंने चेक जारी किया था। आपराधिक कार्यवाही: अगर धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज की जाती है, तो कंपनी और हस्ताक्षरकर्ता दोनों को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। निदेशक की ज़िम्मेदारी: अगर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कोई निदेशक, प्रबंध निदेशक या मुख्य अधिकारी है, तो उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है, जब तक कि वे यह साबित न कर दें कि उन्हें लेन-देन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उपलब्ध बचाव: हस्ताक्षरकर्ता को अनादर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। चेक उचित प्राधिकरण के बिना जारी किया गया था। चेक की वैधता समाप्त होने के बाद उसे प्रस्तुत किया गया था। कानूनी परिणाम 2 साल तक की कैद या चेक की राशि का दोगुना जुर्माना, या दोनों। अदालत जमानत दे सकती है, लेकिन दोषसिद्धि से आपराधिक रिकॉर्ड बन सकता है। कंपनी को व्यावसायिक प्रतिबंधों या विश्वसनीयता की हानि का सामना करना पड़ सकता है।
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