1. विवादों की प्रकृति: - आपूर्ति के स्थान, राजस्व के बंटवारे या एकत्र किए गए जीएसटी के बंटवारे को लेकर राज्यों के बीच विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। - जीएसटी कानूनों की व्याख्या को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच भी टकराव हो सकता है। 2. जीएसटी अधिनियम के तहत समाधान तंत्र: - जीएसटी परिषद जीएसटी से संबंधित विवादों को हल करने के लिए जिम्मेदार प्राथमिक निकाय है। - इसमें केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 3. विवाद समाधान समिति (डीआरसी): - राज्यों के बीच विवादों को विशेष रूप से संभालने के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत स्थापित। - समिति का उद्देश्य मुकदमेबाजी में बढ़ने से पहले मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करना है। 4. जीएसटी परिषद द्वारा निर्णय: - जीएसटी परिषद अंतर-राज्यीय विवादों को हल करने के लिए एक तंत्र या रूपरेखा का गठन कर सकती है। - यह चर्चाओं और सिफारिशों के माध्यम से आम सहमति प्राप्त करने का प्रयास करती है। 5. न्यायिक हस्तक्षेप: यदि जीएसटी परिषद विवाद को हल करने में विफल रहती है, तो राज्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। - राज्यों के बीच या केंद्र और राज्यों के बीच विवादों पर सर्वोच्च न्यायालय का मूल अधिकार क्षेत्र है। 6. विवादों के उदाहरण: - राज्य की सीमाओं के पार प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के संबंध में आपूर्ति के स्थान पर असहमति। - राज्यों के बीच एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) वितरण से संबंधित मुद्दे।
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