भारत में कोर्ट मैरिज को पंजीकृत करने की प्रक्रिया क्या है?

Answer By law4u team

भारत में कोर्ट मैरिज को पंजीकृत करने की प्रक्रिया में आम तौर पर कई चरण और कानूनी आवश्यकताएं शामिल होती हैं। यहां विशिष्ट प्रक्रिया का अवलोकन दिया गया है: पात्रता: दोनों पक्षों को विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विवाह करने के लिए कानूनी रूप से योग्य होना चाहिए। इसमें कानूनी विवाह योग्य आयु (पुरुषों के लिए 21 वर्ष, महिलाओं के लिए 18 वर्ष), पहले से विवाहित न होना, रिश्ते की निषिद्ध डिग्री के भीतर न होना और मानसिक रूप से शामिल होना शामिल है। आवाज़। इच्छित विवाह की सूचना: पहला कदम उस जिले के विवाह अधिकारी को इच्छित विवाह की सूचना देना है जहां नोटिस से पहले कोई भी पक्ष कम से कम 30 दिनों तक रहा हो। नोटिस आम तौर पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित फॉर्म में जमा किया जाता है। नोटिस का प्रकाशन: नोटिस प्राप्त करने के बाद, विवाह अधिकारी विवाह अधिकारी के कार्यालय और स्थानीय समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करेगा। यह नोटिस विवाह के खिलाफ आपत्तियां उठाने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए प्रदर्शित किया जाता है। आपत्ति अवधि: 30 दिन की नोटिस अवधि के दौरान, कोई भी व्यक्ति विवाह पर आपत्ति दर्ज कर सकता है यदि उसके पास वैध कारण हैं, जैसे कि एक पक्ष पहले से ही शादीशुदा है, रिश्ते की निषिद्ध डिग्री के भीतर है, या शादी के लिए सहमति देने की मानसिक क्षमता की कमी है। आपत्ति समाधान: विवाह अधिकारी नोटिस अवधि के दौरान उठाई गई किसी भी आपत्ति की जांच करता है। यदि कोई वैध आपत्ति नहीं मिलती है या आपत्तियों का समाधान हो जाता है, तो विवाह अधिकारी विवाह पंजीकरण के लिए आगे बढ़ता है। विवाह पंजीकरण: यदि कोई आपत्ति नहीं है या आपत्तियों का समाधान हो गया है, तो दोनों पक्ष विवाह अधिकारी और तीन गवाहों के समक्ष विवाह संपन्न करा सकते हैं। विवाह समारोह पूरा होने के बाद विवाह अधिकारी विवाह प्रमाणपत्र जारी करता है। विवाह प्रमाणपत्र जारी करना: विवाह प्रमाणपत्र विवाह अधिकारी द्वारा अनुष्ठापित विवाह के प्रमाण के रूप में जारी किया जाता है। इसमें विवाह की तारीख, पक्षों और गवाहों के नाम और अन्य प्रासंगिक जानकारी जैसे विवरण शामिल हैं। विवाह का पंजीकरण: विवाह अधिकारी से प्राप्त विवाह प्रमाणपत्र को विवाह को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर संबंधित अधिकारियों (विवाह रजिस्ट्रार) के साथ पंजीकृत किया जाता है। विवाह के बाद की औपचारिकताएँ: विवाह पंजीकृत होने के बाद, पार्टियों को पासपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक खाते आदि जैसे आधिकारिक दस्तावेजों में अपनी वैवाहिक स्थिति को अपडेट करने की आवश्यकता हो सकती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जिस राज्य या जिले में विवाह पंजीकृत किया जा रहा है, उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर प्रक्रिया थोड़ी भिन्न हो सकती है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान विस्तृत मार्गदर्शन और सहायता के लिए स्थानीय विवाह अधिकारी या कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करना उचित है।

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