Answer By law4u team
यदि आप अपने ससुराल वालों से बच्चों के साथ तलाक लेने के लिए विवेकपूर्ण वार्ता करने के बाद भी समझौता नहीं कर पा रहे हैं तो आपको न्यायालय में तलाक की मांग करने की आवश्यकता हो सकती है। भारत में विवाह अधिनियम, 1955 के अनुसार, आप तलाक के लिए न्यायालय में याचिका दायर कर सकती हैं। इसके लिए, आपको कुछ न्यायालयीन दस्तावेजों को जमा करना होगा, जैसे कि विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, विवाह अनुबंध, आपके बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, आपकी आय का प्रमाण आदि। इसके अलावा, यदि आपके ससुराल वाल अपनी संतुष्टि नहीं दे रहे हैं तो आप बच्चों के हक को संरक्षित करने के लिए उनके पास बच्चों के हक को संरक्षित करने के लिए न्यायालय में अलग से याचिका दायर कर सकते हैं। यह आपके बच्चों के संरक्षण और उनके हक को संरक्षित करने में मदद कर सकता है। अंत में, तलाक का फैसला लेते समय न्यायालय बच्चों के हित को सर्वोपरि रखती है, और आपके बच्चों के हित को संरक्षित रखने की कोशिश करती है। यदि आप तलाक के साथ बच्चों को भी लेना चाहते हैं, तो आपको अपने बच्चों के संरक्षण और हक को संरक्षित रखने के लिए न्यायालय में तलाक के दौरान अलग से याचिका दायर करनी होगी। इससे आपके बच्चों के संरक्षण और उनके हक को संरक्षित करने में मदद मिल सकती है। यदि आपके ससुराल वाल बच्चों को आपके साथ नहीं रखने देना चाहते हैं तो आपको न्यायालय में बच्चों के संरक्षण और उनके हक को संरक्षित करने के लिए अलग से याचिका दायर करने की आवश्यकता हो सकती है। इस समस्या का समाधान प्रत्येक मामले में अलग होता है इसलिए आपको किसी वकील से सलाह लेना बेहतर होगा जो आपकी मदद करेगा आपके