चेक बाउंस का मामला कहां दर्ज किया जा सकता है?

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Answer By law4u team

भारत में चेक बाउंस का मामला, परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के अंतर्गत, निम्नलिखित स्थानों पर दायर किया जा सकता है: उस क्षेत्र का न्यायालय जहाँ चेक भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया था: मामला उस क्षेत्राधिकार न्यायालय में दायर किया जा सकता है जहाँ चेक भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया था और अनादरित हुआ था (वह स्थान जहाँ बैंक स्थित है)। उस क्षेत्र का न्यायालय जहाँ आदाता रहता है: शिकायतकर्ता (चेक का आदाता या धारक) उस क्षेत्र के न्यायालय में मामला दायर कर सकता है जहाँ वे रहते हैं या अपना व्यवसाय करते हैं। यह परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 142 के अनुसार उनके निवास स्थान या व्यावसायिक गतिविधि पर आधारित है। उस क्षेत्र का न्यायालय जहाँ आदाता रहता है: चेक बाउंस का मामला उस न्यायालय में भी दायर किया जा सकता है जहाँ आदाता (जिस व्यक्ति ने अनादरित चेक जारी किया था) रहता है या काम करता है। मुख्य बिंदु: शिकायत कानूनी नोटिस की प्राप्ति से 30 दिनों के भीतर दर्ज की जानी चाहिए (जिसे बैंक से अनादर नोटिस प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर भेजा जाना चाहिए)। यदि नोटिस प्राप्त करने के बाद निर्धारित 15-दिन की अवधि के भीतर भुगतान करने में विफल रहता है, तो भुगतानकर्ता सक्षम न्यायालय में मामला दर्ज कर सकता है। यह मामला आम तौर पर परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत दायर किया जाता है, और यदि साबित हो जाता है, तो भुगतानकर्ता को कारावास और/या जुर्माना सहित आपराधिक दंड का सामना करना पड़ सकता है।

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