नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) भारत में एक विशेष अदालत है जो कंपनियों और कॉर्पोरेट कानून से संबंधित मामलों को देखती है। एनसीएलटी द्वारा निपटाए जाने वाले मामलों के प्रकार यहां दिए गए हैं: कंपनी कानून के मामले: एनसीएलटी कंपनियों के निगमन, प्रबंधन और समापन से संबंधित मामलों को संभालता है। इसमें विलय और अधिग्रहण, समामेलन और कंपनियों के पुनर्गठन से संबंधित मामले शामिल हैं। दिवाला मामले: एनसीएलटी कंपनियों के दिवाला और दिवालियापन से संबंधित मामलों को भी देखता है, जिसमें समाधान योजना और परिसमापन कार्यवाही शामिल हैं। शेयरधारकों और प्रबंधन के बीच विवाद: एनसीएलटी शेयरधारकों और कंपनियों के प्रबंधन के बीच विवादों को भी संभालता है, जिसमें उत्पीड़न और कुप्रबंधन से संबंधित मामले भी शामिल हैं। प्रतिस्पर्धा कानून के मामले: एनसीएलटी कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन और विश्वास-विरोधी प्रथाओं से संबंधित मामलों को भी देखता है। कंपनियों के समापन से संबंधित मामले: एनसीएलटी कंपनियों के समापन से संबंधित मामलों को भी संभालता है, जिसमें स्वैच्छिक समापन और न्यायालय द्वारा समापन शामिल हैं। कुल मिलाकर, एनसीएलटी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि भारत में कंपनियां कॉर्पोरेट कानूनों और विनियमों का पालन करती हैं, और यह कि कंपनियों से संबंधित विवादों का उचित और समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाता है।
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