Answer By law4u team
चिकित्सा लापरवाही से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जहाँ कोई चिकित्सा पेशेवर (जैसे कि डॉक्टर, नर्स या अस्पताल) उचित देखभाल प्रदान करने में विफल रहता है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को नुकसान, चोट या मृत्यु होती है। यह एक नागरिक गलती है और भारतीय कानून के तहत मुआवज़े के लिए कानूनी कार्रवाई की ओर ले जा सकती है। यह विभिन्न कानूनों के तहत शासित है, जैसे: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 - धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु का कारण बनना) टोर्ट का कानून (नागरिक दायित्व) चिकित्सा लापरवाही के मुख्य तत्व: देखभाल का कर्तव्य: चिकित्सा पेशेवर का रोगी की देखभाल करने का कानूनी कर्तव्य होना चाहिए। कर्तव्य का उल्लंघन: डॉक्टर को उचित रूप से सक्षम चिकित्सा पेशेवर से अपेक्षित देखभाल के मानक को पूरा करने में विफल होना चाहिए। कारण: उल्लंघन से सीधे नुकसान, चोट या मृत्यु होनी चाहिए। क्षति: रोगी को कुछ नुकसान (शारीरिक, भावनात्मक या वित्तीय) उठाना चाहिए। चिकित्सा लापरवाही के उदाहरण: गलत अंग या शरीर के अंग पर सर्जरी करना गलत या देरी से निदान करना जिससे नुकसान हो गलत दवा या खुराक निर्धारित करना रोगी के शरीर में शल्य चिकित्सा उपकरण छोड़ना रोगी को उपचार में शामिल जोखिमों के बारे में सूचित न करना (सूचित सहमति का अभाव) उपलब्ध कानूनी उपाय: उपभोक्ता न्यायालय शिकायत:रोगी सेवा में कमी के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं और मुआवजे का दावा कर सकते हैं। न्यायालय शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, और प्रक्रिया आम तौर पर तेज़ होती है। नुकसान के लिए दीवानी मुकदमा:एक मरीज टोर्ट कानून के तहत मुआवजे के लिए दीवानी न्यायालय में दीवानी मुकदमा दायर कर सकता है। आपराधिक शिकायत:यदि घोर लापरवाही के कारण मृत्यु हुई है, तो धारा 304A IPC (लापरवाही से मृत्यु का कारण बनना) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कारावास और जुर्माना हो सकता है। चिकित्सा परिषद शिकायत:भारतीय चिकित्सा परिषद या राज्य चिकित्सा परिषद में शिकायत दर्ज की जा सकती है। जांच के बाद डॉक्टर का लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है। ऐतिहासिक भारतीय मामला: डॉ. सुरेश गुप्ता बनाम दिल्ली सरकार (2004) - सुप्रीम कोर्ट ने माना कि डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा केवल घोर लापरवाही के मामलों में ही चलाया जा सकता है, न कि निर्णय की त्रुटि के साधारण मामलों में। महत्वपूर्ण नोट: एक डॉक्टर केवल इसलिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि मरीज की मृत्यु हो जाती है या वह घायल हो जाता है। यह साबित होना चाहिए कि डॉक्टर ने लापरवाही बरती है। चिकित्सा लापरवाही को विशेषज्ञ चिकित्सा साक्ष्य द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए।