हां, एक एनआरआई (अनिवासी भारतीय) भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत भारत में उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकता है। यह प्रमाणपत्र एक भारतीय सिविल न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है और आवेदक को ऐसे मृतक व्यक्ति के ऋण और प्रतिभूतियों (जैसे बैंक खाते, शेयर, बॉन्ड) को विरासत में लेने के लिए अधिकृत करता है जो भारत का निवासी था या जिसकी भारत में संपत्ति थी। यहाँ मुख्य बिंदु दिए गए हैं: कौन आवेदन कर सकता है: - मृतक व्यक्ति का कोई भी कानूनी उत्तराधिकारी, जिसमें एनआरआई भी शामिल है, आवेदन कर सकता है। - आवेदक को मृतक पर लागू व्यक्तिगत कानूनों (हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, आदि) के अनुसार कानूनी उत्तराधिकारी होना चाहिए। कहाँ आवेदन करें: - आवेदन उस जिला न्यायालय (आमतौर पर एक सिविल न्यायालय) में दायर किया जाना चाहिए, जिसके अधिकार क्षेत्र में मृतक व्यक्ति: - मृत्यु के समय निवास करता था, या - अचल संपत्ति या संपत्ति का मालिक था। आवश्यक दस्तावेज: - मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र - मृतक के साथ संबंध का प्रमाण (कानूनी उत्तराधिकार) - आवेदक का पहचान/पता प्रमाण (पासपोर्ट, आधार, आदि) - ऋण और प्रतिभूतियों का विवरण जिसके लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता है - अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) (कुछ मामलों में) एनआरआई के लिए अतिरिक्त बिंदु: - यदि एनआरआई व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ हैं, तो उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के माध्यम से आवेदन दाखिल करना पड़ सकता है। - एनआरआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के बाहर निष्पादित किए गए दस्तावेज़ (जैसे हलफनामा, पीओए) उनके निवास के देश में भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास द्वारा सत्यापित हों। न्यायालय प्रक्रिया: - न्यायालय एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा और, कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होने की पुष्टि करने के बाद, प्रमाण पत्र प्रदान कर सकता है। - इस प्रक्रिया में आमतौर पर कुछ महीने लगते हैं।
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