Answer By law4u team
मौद्रिक राहत से तात्पर्य वित्तीय क्षतिपूर्ति या सहायता से है जिसे न्यायालय घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिला की सहायता के लिए घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (PWDVA) के अंतर्गत आदेश दे सकता है। मौद्रिक राहत के बारे में मुख्य बिंदु: 1. उद्देश्य: पीड़ित महिला को तत्काल और पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि वह निम्न खर्चों को पूरा कर सके: - दैनिक खर्च - आय का नुकसान - चिकित्सा लागत - भरण-पोषण (अपने और अपने बच्चों के लिए) - हिंसा के कारण संपत्ति के विनाश से होने वाली क्षति 2. इसका दावा कौन कर सकता है: केवल वही महिला जिसने घरेलू संबंध (पति, साथी, ससुराल वालों, आदि के साथ) में घरेलू हिंसा (शारीरिक, भावनात्मक, यौन, मौखिक या आर्थिक दुर्व्यवहार) का सामना किया हो। 3. इसका भुगतान कौन करता है: न्यायालय द्वारा प्रतिवादी (आमतौर पर पति या साथी) को राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। 4. दावा कैसे करें: - पीडब्ल्यूडीवीए के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज करें। - उसी आवेदन में मौद्रिक राहत के लिए अनुरोध शामिल किया जा सकता है। - अंतिम आदेश से पहले न्यायालय अंतरिम मौद्रिक राहत पर भी विचार कर सकता है। 5. भुगतान का तरीका: - मजिस्ट्रेट एकमुश्त या मासिक भुगतान का निर्देश दे सकता है। - भुगतान सीधे महिला को किया जा सकता है या उसके बैंक खाते में जमा किया जा सकता है। 6. अन्य भरण-पोषण पर कोई रोक नहीं: यह राहत धारा 125 सीआरपीसी या व्यक्तिगत कानूनों के तहत भरण-पोषण से अलग है। एक महिला दोनों का दावा कर सकती है, लेकिन एक कानून के तहत भुगतान की गई राशि को दोहराव से बचने के लिए दूसरे के तहत समायोजित किया जा सकता है।