Answer By law4u team
घरेलू हिंसा के मामले में हिरासत आदेश एक मजिस्ट्रेट द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (PWDVA) के तहत दिया गया एक कानूनी निर्देश है, जो पीड़ित महिला (आमतौर पर माँ) को बच्चे की अस्थायी हिरासत प्रदान करता है। हिरासत आदेशों के बारे में मुख्य बिंदु: 1. कानूनी आधार: घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 21 मजिस्ट्रेट को बच्चों की अस्थायी हिरासत प्रदान करने का अधिकार देती है। 2. कौन आवेदन कर सकता है: पीड़ित महिला (घरेलू हिंसा की शिकार) अधिनियम के तहत अपनी शिकायत के हिस्से के रूप में अपने बच्चे की हिरासत का अनुरोध कर सकती है। 3. हिरासत का प्रकार: - आमतौर पर अंतरिम (अस्थायी) हिरासत प्रदान की जाती है। - इसे बाद में उचित अधिकार क्षेत्र वाले सिविल कोर्ट द्वारा संशोधित किया जा सकता है। 4. मुलाकात का अधिकार: - प्रतिवादी (आमतौर पर पति) को मुलाकात का अधिकार दिया जा सकता है, अगर अदालत इसे बच्चे के सर्वोत्तम हित में पाती है। - अदालत अगर यह महसूस करती है कि बच्चे की सुरक्षा खतरे में है, तो मुलाकात से इनकार कर सकती है। 5. बच्चे का सर्वोत्तम हित: मजिस्ट्रेट हिरासत देते समय बच्चे के कल्याण और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखता है। 6. तत्काल राहत: यह प्रावधान घरेलू हिंसा से बचने वाली माँ को उसके बच्चों को अपने साथ रखने के लिए त्वरित राहत देता है। 7. प्रवर्तन: हिरासत के आदेश अन्य अदालती आदेशों की तरह बाध्यकारी और लागू करने योग्य होते हैं। उदाहरण: अगर कोई महिला घरेलू हिंसा का सामना करती है और अपने नाबालिग बच्चे के साथ अपने पति का घर छोड़ देती है, तो वह बच्चे की हिरासत को कानूनी रूप से बनाए रखने और पति को बच्चे को ले जाने से रोकने के लिए DV अधिनियम के तहत हिरासत आदेश का अनुरोध कर सकती है।