Answer By law4u team
उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र उस सिविल न्यायालय में दाखिल किया जाना चाहिए, जिसका क्षेत्राधिकार उस स्थान पर हो, जहाँ मृतक ने अंतिम बार निवास किया था या जहाँ मृतक की चल संपत्ति स्थित है। मुख्य बिंदु: भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 372 के अंतर्गत, उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन जिला न्यायाधीश के न्यायालय या सक्षम क्षेत्राधिकार वाले सिविल न्यायालय में किया जाता है। आम तौर पर, उचित न्यायालय है: जिला न्यायालय उस जिले में जहाँ मृतक का अंतिम निवास था, या वह न्यायालय जहाँ मृतक की चल संपत्तियाँ (जैसे बैंक खाते, प्रतिभूतियाँ) स्थित हैं। यदि मृतक के पास कई जिलों में संपत्ति थी, तो प्रत्येक न्यायालय में अलग-अलग आवेदन दाखिल किए जा सकते हैं। प्रक्रिया: आवेदक न्यायालय में उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र के लिए याचिका दायर करता है। न्यायालय इच्छुक पक्षों को नोटिस जारी करता है तथा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए समाचार-पत्र में नोटिस प्रकाशित करता है। सुनवाई के पश्चात, यदि संतुष्ट हो तो न्यायालय सही आवेदक को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रदान करता है। सारांश: उत्तराधिकार प्रमाणपत्र आवेदन उस जिला सिविल न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए जहां मृतक अंतिम बार रहता था या जहां चल संपत्ति स्थित है।