घरेलू हिंसा के मामले में आदेश प्राप्त होने में कितना समय लगता है?

Law4u App Download
Answer By law4u team

भारत में घरेलू हिंसा के मामले में आदेश प्राप्त करने में लगने वाला समय अलग-अलग हो सकता है, लेकिन आम तौर पर, कानून यह अनिवार्य करता है कि मजिस्ट्रेट को पहली सुनवाई की तारीख से 60 दिनों के भीतर मामले का निपटारा करने का प्रयास करना चाहिए। यह समय-सीमा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12(5) के तहत निर्धारित की गई है, लेकिन व्यावहारिक रूप से, अवधि कई कारकों पर निर्भर हो सकती है। 1. कानूनी प्रावधान (आदर्श समय-सीमा): घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12(5) के अनुसार: “मजिस्ट्रेट उप-धारा (1) के तहत किए गए प्रत्येक आवेदन का निपटारा उसकी पहली सुनवाई की तारीख से साठ दिनों की अवधि के भीतर करने का प्रयास करेगा।” इसका मतलब है कि अदालत को आदर्श रूप से पहली सुनवाई के 2 महीने के भीतर आदेश पारित करना चाहिए। 2. समयसीमा को प्रभावित करने वाले कारक: मांगी गई राहत की तात्कालिकता और प्रकार: सुरक्षा आदेश, निवास आदेश, या अंतरिम भरण-पोषण जैसी आपातकालीन राहत जल्दी दी जा सकती है, यहाँ तक कि कुछ दिनों या हफ़्तों के भीतर भी। पक्षों का सहयोग: यदि प्रतिवादी (आरोपी) पेश होने से बचता है या कई बार स्थगन मांगता है, तो इससे कार्यवाही में देरी हो सकती है। साक्ष्य की उपलब्धता: यदि मामले में मेडिकल रिकॉर्ड, पुलिस रिपोर्ट या गवाहों के बयान शामिल हैं, तो संग्रह और जांच का समय बढ़ सकता है। न्यायालय का कार्यभार: अधिक मामलों के बोझ वाले भीड़भाड़ वाले न्यायालयों में, 60-दिन का लक्ष्य अक्सर पार हो जाता है। मामले की जटिलता: यदि क्रॉस-शिकायतें, कई पक्ष हैं, या जुड़े हुए वैवाहिक विवाद (तलाक, हिरासत, आदि) हैं, तो इसमें अधिक समय लग सकता है। 3. अंतरिम आदेश: न्यायालय अंतिम निपटान से पहले संरक्षण, भरण-पोषण या निवास के लिए अंतरिम आदेश भी पारित कर सकता है, अक्सर दाखिल करने के कुछ सप्ताहों के भीतर, खासकर यदि पीड़ित खतरे में है या आर्थिक रूप से आश्रित है। 4. व्यवहार में अंतिम आदेश की अवधि: सीधे मामलों में: 2 से 4 महीने जटिल या विवादित मामलों में: 6 महीने से एक वर्ष से अधिक यदि अपील या चुनौती दी जाती है, तो इसमें अधिक समय लग सकता है, खासकर यदि मामला उच्च न्यायालयों तक पहुँचता है। सारांश: जबकि घरेलू हिंसा अधिनियम में यह अनिवार्य है कि मजिस्ट्रेट को आदर्श रूप से पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर घरेलू हिंसा की शिकायत का निपटारा करना चाहिए, व्यवहार में, समय कुछ सप्ताह से लेकर कई महीनों तक भिन्न हो सकता है, जो कि तात्कालिकता, पक्षों के सहयोग और न्यायालय के कार्यभार पर निर्भर करता है। यदि आवश्यक हो तो अंतरिम राहत पहले भी दी जा सकती है।

घरेलू हिंसा Related Questions

Discover clear and detailed answers to common questions about घरेलू हिंसा. Learn about procedures and more in straightforward language.