क्या घरेलू हिंसा के मामले में वकील नियुक्त किया जा सकता है?

Law4u App Download
Answer By law4u team

हां, भारतीय कानून के तहत घरेलू हिंसा के मामले में वकील नियुक्त किया जा सकता है। यहां स्पष्ट व्याख्या दी गई है: 1. वकील नियुक्त करने का अधिकार: घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (PWDVA) किसी महिला को वकील नियुक्त करने से रोकता नहीं है। पीड़ित महिला को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त करने का पूरा अधिकार है। 2. महिलाओं के लिए कानूनी सहायता: यदि महिला वकील का खर्च वहन करने में असमर्थ है, तो वह निम्नलिखित के तहत निःशुल्क कानूनी सहायता की हकदार है: कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 वह कानूनी सहायता के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) में आवेदन कर सकती है। 3. संरक्षण अधिकारी की भूमिका: एक संरक्षण अधिकारी (पीओ) महिला को आवेदन दाखिल करने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि अदालत के आदेशों का पालन हो। लेकिन पीओ कानूनी प्रतिनिधि नहीं है - इसलिए उचित कानूनी तर्कों के लिए अक्सर वकील नियुक्त करना आवश्यक होता है। 4. प्रतिवादी (आरोपी) भी वकील नियुक्त कर सकता है: पुरुष (प्रतिवादी) को अपने बचाव के लिए वकील नियुक्त करने का समान अधिकार है। संक्षेप में: हां, घरेलू हिंसा के मामले में कोई भी पक्ष वकील नियुक्त कर सकता है। अगर महिला वहन नहीं कर सकती है तो वह मुफ्त कानूनी सहायता भी प्राप्त कर सकती है। संरक्षण अधिकारी सहायता प्रदान करता है, लेकिन कानूनी प्रतिनिधित्व एक वकील द्वारा किया जाता है।

घरेलू हिंसा Related Questions

Discover clear and detailed answers to common questions about घरेलू हिंसा. Learn about procedures and more in straightforward language.