क्या सूचना आयोग किसी पीआईओ को दंडित कर सकता है?

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Answer By law4u team

हां, सूचना आयोग - केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) दोनों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किसी लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) को कानून के तहत निर्धारित अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने पर दंडित करने का अधिकार है। यहां मुख्य बिंदु दिए गए हैं: 1. कानूनी प्रावधान - आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 20 सूचना आयोग किसी पीआईओ पर जुर्माना लगा सकता है यदि: – वे आरटीआई आवेदन स्वीकार करने से इनकार करते हैं – वे बिना उचित कारण के 30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करने में विफल रहते हैं – वे दुर्भावनापूर्वक अनुरोध को अस्वीकार करते हैं – वे झूठी, अधूरी या भ्रामक जानकारी प्रदान करते हैं – वे सूचना को नष्ट करते हैं या उस तक पहुंच में बाधा डालते हैं 2. जुर्माने की राशि - आयोग देरी के लिए प्रतिदिन ₹250 का जुर्माना लगा सकता है - अधिकतम ₹25,000 तक की शर्त पर 3. व्यक्तिगत दायित्व - जुर्माना व्यक्तिगत पीआईओ पर लगाया जाता है, विभाग पर नहीं - यदि उल्लंघन गंभीर है तो आयोग सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश कर सकता है 4. जुर्माना लगाने से पहले - पीआईओ को देरी या इनकार के लिए कारण बताने का मौका दिया जाता है - यदि आयोग पाता है कि पीआईओ ने सद्भावना से काम किया है या उसके पास उचित कारण था, तो जुर्माना नहीं लगाया जा सकता 5. दंड की स्थितियों के उदाहरण – जानबूझकर जानकारी छिपाना – आरटीआई अनुरोधों का बिल्कुल भी जवाब न देना – गलत या भ्रामक जानकारी देना – बिना वैध कारणों के आवेदन स्वीकार करने से इनकार करना संक्षेप में: हां, सूचना आयोग आरटीआई अधिनियम की धारा 20 के तहत किसी पीआईओ को आरटीआई आवेदन को संभालने में अनुचित देरी, इनकार या कदाचार के लिए दंडित कर सकता है। जुर्माना ₹25,000 तक हो सकता है, और आयोग जरूरत पड़ने पर विभागीय कार्रवाई की भी सिफारिश कर सकता है।

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