Answer By law4u team
हां, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (पीडब्ल्यूडीवीए) के तहत सास सहित किसी भी महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है। हालाँकि, केवल एक महिला ही पीड़ित व्यक्ति (पीड़ित) हो सकती है, जबकि प्रतिवादी (आरोपी) हो सकता है: एक वयस्क पुरुष (मुख्य रूप से), और कुछ मामलों में, पति या पुरुष साथी की महिला रिश्तेदार - जैसे सास, ननद, आदि। मुख्य कानूनी प्रावधान: PWDVA की धारा 2(q) प्रतिवादी को इस प्रकार परिभाषित करती है: "कोई भी वयस्क पुरुष व्यक्ति... और उसके रिश्तेदार भी शामिल हैं", जिसकी व्याख्या महिला रिश्तेदारों को भी शामिल करने के लिए की गई है, जैसे कि सास, अगर वे उत्पीड़न, क्रूरता, या दुर्व्यवहार में शामिल हैं। महत्वपूर्ण केस लॉ: हिरल पी. हरसोरा बनाम कुसुम नरोत्तमदास हरसोरा (2016) – सुप्रीम कोर्ट ने धारा 2(q) से “वयस्क पुरुष” शब्द को हटा दिया, जिससे महिलाओं के खिलाफ भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने की अनुमति मिल गई। इसलिए: अगर दुर्व्यवहार का सबूत है तो पत्नी या महिला लिव-इन पार्टनर अपनी सास, भाभी या पति की किसी अन्य महिला रिश्तेदार के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करा सकती है। पीड़ित को उपलब्ध राहतें: संरक्षण आदेश निवास आदेश मौद्रिक राहत हिरासत आदेश मुआवज़ा निष्कर्ष: हां, भारतीय कानून के तहत, एक महिला (जैसे सास) को घरेलू हिंसा के मामले में प्रतिवादी के रूप में नामित किया जा सकता है अगर उस पर क्रूरता, मानसिक या शारीरिक दुर्व्यवहार या उत्पीड़न में शामिल होने का आरोप है।