Answer By law4u team
यदि कोई लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत गलत जानकारी देता है, तो इसके परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं: धारा 20(1) के अंतर्गत जुर्माना - यदि कोई जन सूचना अधिकारी जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक जानकारी देता है, तो केंद्रीय या राज्य सूचना आयोग ₹250 प्रतिदिन, अधिकतम ₹25,000 तक का जुर्माना लगा सकता है। धारा 20(2) के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा - आयोग जन सूचना अधिकारी पर लागू सेवा नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा कर सकता है। संभावित आपराधिक दायित्व – यदि गलत जानकारी जालसाजी, धोखाधड़ी या जालसाजी के बराबर है, तो पीआईओ को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 177, 182, 420, या 468 के तहत आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। विश्वसनीयता की हानि और प्रशासनिक परिणाम – पीआईओ को करियर में नुकसान, प्रतिकूल सेवा रिकॉर्ड या स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। संक्षेप में, जानबूझकर गलत जानकारी देने पर वित्तीय दंड, अनुशासनात्मक कार्रवाई और यहाँ तक कि आपराधिक आरोप भी लग सकते हैं।