Answer By law4u team
किसी कानूनी उत्तराधिकारी को केवल पारिवारिक विवाद के आधार पर उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देने से इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (जो उत्तराधिकार के मामलों में अभी भी लागू है) और संबंधित सिविल प्रक्रिया नियमों के साथ: उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रदान करने में न्यायालय की भूमिका आवेदक के कानूनी अधिकार की पुष्टि करने और यह सुनिश्चित करने तक सीमित है कि कोई कानूनी बाधा न हो। यदि कई उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र का दावा करते हैं, तो न्यायालय: - सभी हकदार उत्तराधिकारियों को संयुक्त रूप से जारी कर सकता है, या - दूसरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिभूति लेकर किसी एक उत्तराधिकारी को जारी कर सकता है। उत्तराधिकारियों के बीच केवल झगड़ा या तनावपूर्ण संबंध प्रमाणपत्र देने से इनकार करने का वैध आधार नहीं है। हालाँकि, यदि संबंधित संपत्ति या ऋण के स्वामित्व को लेकर कोई गंभीर विवाद है, तो न्यायालय प्रमाणपत्र पर निर्णय लेने से पहले पक्षों से उस विवाद को एक अलग सिविल मुकदमे में सुलझाने के लिए कह सकता है। इसलिए, केवल पारिवारिक विवाद ही किसी उत्तराधिकारी को अयोग्य नहीं ठहराते, लेकिन स्वामित्व अधिकारों को लेकर विवाद प्रक्रिया में देरी कर सकते हैं।