हाँ। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (PWDVA) के तहत, घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिला अपने मामले के लंबित रहने के दौरान आश्रय गृह में रह सकती है। मुख्य बिंदु: • यह अधिनियम संरक्षण अधिकारियों को निर्देश देता है कि यदि पीड़ित महिला अनुरोध करती है, तो वे उसके लिए सरकारी या गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित आश्रय गृह में सुरक्षित आवास की व्यवस्था करें। • यह अधिकार इस बात पर ध्यान दिए बिना उपलब्ध है कि उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है या केवल सुरक्षा आदेशों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। • आश्रय गृहों को उसे बिना किसी भुगतान के स्वीकार करना होगा, और भोजन, बिस्तर और सुरक्षा जैसी बुनियादी ज़रूरतें प्रदान करनी होंगी। • अदालतें उसकी निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम या अंतिम आदेशों में इस व्यवस्था का उल्लेख कर सकती हैं। • वह अपने बच्चों के साथ भी रह सकती है, जब तक कि कोई विशिष्ट अदालती आदेश उसे प्रतिबंधित न करे।
Discover clear and detailed answers to common questions about घरेलू हिंसा. Learn about procedures and more in straightforward language.