हाँ। भारत में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएँ मुफ़्त कानूनी सहायता पाने की हकदार हैं। कानूनी आधार • घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 - कोई भी महिला बिना किसी अदालती शुल्क के संरक्षण अधिकारी के माध्यम से या सीधे मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज करा सकती है। • विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 - आय की परवाह किए बिना, महिलाएँ धारा 12(सी) के तहत मुफ़्त कानूनी सेवाओं के लिए स्वतः ही पात्र हैं। उपलब्ध सेवाएँ • घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत आवेदन तैयार करने और दाखिल करने में सहायता • अदालती कार्यवाही में प्रतिनिधित्व • सुरक्षा आदेश, निवास आदेश, भरण-पोषण, हिरासत और मुआवज़ा प्राप्त करने में सहायता • जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) द्वारा प्रदान किए गए संरक्षण अधिकारियों और कानूनी सहायता वकीलों के माध्यम से मार्गदर्शन कैसे पहुँचें • निकटतम DLSA/SLSA कार्यालय से संपर्क करें • किसी संरक्षण अधिकारी या महिला हेल्पलाइन (181) से संपर्क करें • सीधे कानूनी सहायता क्लिनिक या ई-लोक अदालत पोर्टल के माध्यम से आवेदन करें
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