Answer By law4u team
भारत में, डॉक्टरों के लिए क्षतिपूर्ति बीमा कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसकी पुरज़ोर सिफ़ारिश की जाती है और इसका व्यापक रूप से पालन किया जाता है। उद्देश्य • चिकित्सीय लापरवाही, त्रुटियों या चूक के दावों से उत्पन्न होने वाली वित्तीय देनदारियों से डॉक्टरों की रक्षा करता है। • यदि डॉक्टर ज़िम्मेदार पाया जाता है, तो कानूनी खर्चों और मरीज़ों को दिए जाने वाले मुआवज़े को कवर करता है। यह महत्वपूर्ण क्यों है • भारत में चिकित्सीय लापरवाही के मामलों में मुआवज़े की राशि बहुत ज़्यादा हो सकती है (जैसा कि वी. कृष्णकुमार बनाम तमिलनाडु राज्य में देखा गया, जहाँ ₹1 करोड़ से अधिक का मुआवज़ा दिया गया था)। • भले ही डॉक्टर अंततः निर्दोष पाया जाए, फिर भी कानूनी बचाव की लागत काफ़ी हो सकती है। • अस्पताल अपने डॉक्टरों से रोज़गार अनुबंधों के हिस्से के रूप में क्षतिपूर्ति कवरेज की माँग तेज़ी से कर रहे हैं। सामान्य कवरेज • न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड आदि जैसी बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाता है। • नागरिक दायित्व को कवर करता है, लेकिन आम तौर पर आपराधिक कृत्यों, जानबूझकर की गई लापरवाही और नशीली दवाओं/शराब के प्रभाव में की गई प्रक्रियाओं को शामिल नहीं करता है। संक्षेप में - यह डॉक्टरों के लिए एक सुरक्षा कवच है, और भारत में आज के मुकदमे-ग्रस्त चिकित्सा वातावरण में, इसके बिना काम करना जोखिम भरा है।