भारत में व्यक्तियों के लिए आयकर स्लैब आयु वर्ग और इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप पुरानी कर व्यवस्था (कटौतियों और छूटों के साथ) चुन रहे हैं या नई कर व्यवस्था (कटौतियों के बिना, लेकिन कम दरों के साथ)। यहाँ दोनों का विवरण दिया गया है: 1. नई कर व्यवस्था (वित्त वर्ष 2023-24) के तहत आयकर स्लैब नई कर व्यवस्था कम कर दरों की पेशकश करती है, लेकिन इसमें अधिकांश छूट और कटौतियाँ जैसे HRA, मानक कटौती, या 80C जैसी धाराओं के तहत कटौती शामिल नहीं हैं। 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए: ₹2.5 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹2,50,001 से ₹5 लाख – 5% ₹5,00,001 से ₹7.5 लाख – 10% ₹7,50,001 से ₹10 लाख – 15% ₹10,00,001 से ₹12.5 लाख – 20% ₹12,50,001 से ₹15 लाख – 25% ₹15 लाख से ऊपर – 30% वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष की आयु) के लिए: ₹3 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹3,00,001 से ₹5 लाख – 5% ₹5,00,001 से ₹7.5 लाख – 10% ₹7,50,001 से ₹10 लाख – 15% ₹10,00,001 से ₹12.5 लाख – 20% ₹12,50,001 से ₹15 लाख – 25% ₹15 लाख से ऊपर – 30% सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष और उससे अधिक आयु) के लिए: ₹5 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹5,00,001 से ₹10 लाख – 20% ₹10 लाख से अधिक – 30% 2. पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब (वित्त वर्ष 2023-24) पुरानी कर व्यवस्था में HRA, 80C, 80D आदि जैसी कर छूट और कटौती मिलती है, लेकिन कर की दरें ज़्यादा होती हैं। 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए: ₹2.5 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹2,50,001 से ₹5 लाख – 5% ₹5,00,001 से ₹10 लाख – 20% ₹10 लाख से अधिक – 30% वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष की आयु) के लिए: ₹3 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹3,00,001 से ₹5 लाख – 5% ₹5,00,001 से ₹10 लाख – 20% ₹10 लाख से ऊपर – 30% सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष और उससे अधिक आयु) के लिए: ₹5 लाख तक की आय – कोई कर नहीं ₹5,00,001 से ₹10 लाख तक – 20% ₹10 लाख से ऊपर – 30% याद रखने योग्य मुख्य बिंदु: 1. धारा 87A के तहत छूट: ₹5 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए ₹12,500 की छूट उपलब्ध है। इससे उनकी कर देयता शून्य हो जाती है (इस आय वर्ग के लोगों के लिए)। 2. स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर: आयकर की गणना में अतिरिक्त 4% उपकर जोड़ा जाता है, जो कुल देय कर पर लागू होता है। 3. पुरानी व्यवस्था के तहत कटौती: पुरानी कर व्यवस्था विभिन्न कटौतियों की अनुमति देती है, जैसे 80C (₹1.5 लाख तक), 80D (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए), और अन्य जो कर योग्य आय को कम करने में मदद कर सकती हैं। 4. नई व्यवस्था में कोई कटौती नहीं: नई कर व्यवस्था एनपीएस और ईपीएफ योगदान को छोड़कर किसी भी कटौती की अनुमति नहीं देती है, इसलिए कम कटौती वाले लोगों के लिए इसे चुनना फायदेमंद है। कौन सी व्यवस्था चुनें? नई व्यवस्था: कम कर दरें प्रदान करती है, लेकिन आप अधिकांश छूट और कटौती का दावा नहीं कर सकते। पुरानी व्यवस्था: इसमें कटौती की सुविधा तो है, लेकिन कर की दरें ज़्यादा हैं। अगर आपके पास महत्वपूर्ण कटौती या छूट है, तो यह ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकता है। यह सब आपकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है, इसलिए अपनी आय और कटौतियों के आधार पर तुलना करना हमेशा अच्छा रहता है।
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