 
							                भारत में ऋण के लिए आवश्यक न्यूनतम क्रेडिट स्कोर कानून द्वारा निर्धारित नहीं है, बल्कि ऋणदाता की नीतियों, ऋण के प्रकार और उपयोग किए जाने वाले क्रेडिट ब्यूरो के आधार पर भिन्न होता है। हालाँकि, यहाँ कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं: ऋणों के लिए सामान्य न्यूनतम क्रेडिट स्कोर सीमाएँ: 1. व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड: अधिकांश बैंक और NBFC लगभग 750 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर की अपेक्षा करते हैं। 700 से कम स्कोर वाले ऋणदाताओं को स्वीकृति मिलने में कठिनाई हो सकती है या उन्हें उच्च ब्याज दरों की पेशकश की जा सकती है। 2. गृह ऋण: ऋणदाता आमतौर पर 700 से 750 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर की अपेक्षा करते हैं। उच्च स्कोर स्वीकृति की संभावनाओं और बेहतर ऋण शर्तों को बेहतर बनाता है। 3. कार ऋण: न्यूनतम आवश्यक क्रेडिट स्कोर अक्सर लगभग 700 होता है। 4. व्यावसायिक ऋण: ऋणदाता पर निर्भर करता है; कई लोग 700+ का स्कोर पसंद करते हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञ ऋणदाता अतिरिक्त संपार्श्विक या दस्तावेज़ों के साथ कम स्कोर स्वीकार कर सकते हैं। क्रेडिट स्कोर क्या दर्शाता है? 750 से ऊपर: उत्कृष्ट साख; अनुकूल ब्याज दरों पर ऋण स्वीकृति की अधिक संभावना। 700-750: अच्छा स्कोर; ऋण मिलने की संभावना, लेकिन शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। 650-700: उचित; स्वीकृति संभव है, लेकिन उच्च ब्याज दरों और कड़ी जाँच के साथ। 650 से नीचे: जोखिम भरा माना जाता है; गारंटर या संपार्श्विक के बिना ऋण स्वीकृति मुश्किल। महत्वपूर्ण: विभिन्न ऋणदाता अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो (CIBIL, Experian, Equifax, CRIF High Mark) का उपयोग करते हैं, इसलिए न्यूनतम स्कोर थोड़ा भिन्न हो सकता है। आय, रोज़गार स्थिरता, ऋण-से-आय अनुपात जैसे अन्य कारक भी ऋण स्वीकृति को प्रभावित करते हैं। निष्कर्ष: आमतौर पर, भारत में अधिकांश प्रकार के ऋण प्राप्त करने के लिए 700-750 या उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर न्यूनतम माना जाता है। इस सीमा से कम स्कोर होने पर आपको सीधे तौर पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन ब्याज दरें बढ़ सकती हैं या अतिरिक्त आवश्यकताएं हो सकती हैं।
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