एक डिज़ाइन पेटेंट (जिसे भारत में डिज़ाइन पंजीकरण कहा जाता है) किसी उत्पाद के कार्यात्मक पहलुओं के बजाय उसके अद्वितीय दृश्य रूप या सौंदर्यात्मक विशेषताओं की रक्षा करता है। यह उत्पाद के स्वरूप—उसका आकार, पैटर्न, रंग या अलंकरण—की सुरक्षा करता है, बशर्ते वह नया और मौलिक हो। डिज़ाइन पेटेंट क्या है? यह निर्माता को एक निश्चित अवधि के लिए डिज़ाइन का उपयोग, बिक्री या लाइसेंस देने का विशेष अधिकार प्रदान करता है। यह दूसरों को बिना अनुमति के उसी डिज़ाइन की नकल करने या उसका उपयोग करने से रोकता है। यह उत्पाद के तकनीकी या कार्यात्मक विशेषताओं पर नहीं, बल्कि बाहरी रूप पर केंद्रित है। डिज़ाइन पेटेंट की मुख्य विशेषताएँ: यह किसी उत्पाद के सजावटी या सौंदर्यात्मक पहलुओं की रक्षा करता है। यह उत्पाद की कार्यक्षमता या संरचना की रक्षा नहीं करता। भारत में 10 वर्षों के लिए वैध, जिसे 5 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर फर्नीचर, कपड़ा, आभूषण, पैकेजिंग, गैजेट और वाहन जैसे उत्पादों के लिए लागू किया जाता है। उपयोगिता पेटेंट से अंतर: एक उपयोगिता पेटेंट किसी चीज़ के काम करने के तरीके या उसके कार्यात्मक नवाचारों की रक्षा करता है। एक डिज़ाइन पेटेंट किसी चीज़ के दिखने के तरीके की रक्षा करता है। भारत में कानूनी ढाँचा: डिज़ाइन पेटेंट डिज़ाइन अधिनियम, 2000 द्वारा शासित होते हैं। डिज़ाइन नया और मौलिक होना चाहिए और दुनिया में कहीं भी पहले प्रकाशित या इस्तेमाल नहीं किया गया होना चाहिए। उदाहरण: यदि आप स्मार्टफ़ोन कवर के लिए एक नया और अनोखा आकार या कपड़े के लिए एक विशिष्ट पैटर्न बनाते हैं, तो आप उसके स्वरूप की रक्षा के लिए डिज़ाइन पेटेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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