Answer By law4u team
भारतीय कानून में, एक व्यक्ति को किसी अपराध के लिए दोषी मानने के लिए उस अपराध के सबूत और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक होता है। व्यक्ति के पिता या किसी अन्य सदस्य के द्वारा किए गए अपराध के लिए व्यक्ति को दोषी माना जाने से पहले, न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार सबूत प्रस्तुत करना होगा जो की सजीव और प्रमाण्यमान हो। पिता द्वारा किए गए अपराध के लिए उसके बेटे को दोषी मानने के लिए निम्नलिखित कुछ मामूली प्रमाण दिखाने हो सकते हैं: सबूत: अपराध के सबूत जैसे कि गवाहों की बयान, साक्ष्य, तस्वीरें आदि कोर्ट में प्रस्तुत किए जाने चाहिए। आईन्साफ: न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, दोषी की आईन्साफ का प्रमाण देना आवश्यक होता है, यानी कि उसके द्वारा किये गए अपराध का सच्चाई उजागर किया जाना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया: कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, अपराधिक मामलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना होगा। यह सभी प्रमाणों को जांचने और मुकदमा सुनने की प्रक्रिया को सम्मिलित करता है। न्यायिक निर्णय: अपराध के सबूतों और तर्कों के आधार पर, न्यायिक प्रक्रिया के बाद न्यायिक निर्णय आवश्यक होता है। इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि कोई व्यक्ति न्यायिक प्रक्रिया का पालन करे और कोर्ट के निर्णय का आदर करे। व्यक्ति केवल अपने पिता के द्वारा किए गए अपराध के आधार पर दोषी माना नहीं जा सकता है, बल्कि इसके लिए व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।