Answer By law4u team
भारत में संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं: बिक्री समझौता: पहला कदम खरीदार और विक्रेता के बीच एक बिक्री समझौता तैयार करना है, जिसमें संपत्ति का विवरण, बिक्री मूल्य, भुगतान की शर्तें, कब्जे की तारीख और अन्य प्रासंगिक खंड जैसे विवरण शामिल होने चाहिए। स्टांप शुल्क का भुगतान: खरीदार को उस राज्य में प्रचलित दरों के अनुसार स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा जहां संपत्ति स्थित है। यह या तो ऑनलाइन या सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाकर किया जा सकता है। बिक्री विलेख का पंजीकरण: बिक्री विलेख को उस क्षेत्र के उप-पंजीयक के पास पंजीकृत होना चाहिए जहां संपत्ति स्थित है। पंजीकरण प्रक्रिया के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों को दो गवाहों के साथ उपस्थित होना होगा। पंजीकरण शुल्क की गणना संपत्ति मूल्य के आधार पर की जाती है और आमतौर पर बिक्री मूल्य का एक प्रतिशत होता है। नए स्वामित्व दस्तावेज जारी करना: बिक्री विलेख पंजीकृत होने के बाद, खरीदार को अपने नाम पर नए स्वामित्व दस्तावेज जैसे बिक्री विलेख, संपत्ति कर रसीद और खाता प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए। ये दस्तावेज़ भविष्य के लेन-देन के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे संपत्ति को फिर से बेचना या ऋण प्राप्त करना। रिकॉर्ड अपडेट करना: खरीदार को स्थानीय नगर निगम, बिजली बोर्ड, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता प्रदाताओं के साथ रिकॉर्ड अपडेट करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिल और अन्य पत्राचार नए मालिक के पते पर भेजे गए हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है और भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए स्वामित्व हस्तांतरण पारदर्शी और कानूनी तरीके से किया जाता है।