Answer By law4u team
पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी (Power of Attorney) एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति (प्रिंसिपल) को किसी अन्य व्यक्ति (अटॉर्नी) को उनके नाम पर कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने के अधिकार देता है। इसे निम्नलिखित चरणों में तैयार किया जाता है: पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी बनाने के चरण: पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का प्रारूप तैयार करें: इसमें प्रिंसिपल का नाम, पता, और पहचान विवरण। अटॉर्नी का नाम, पता, और पहचान विवरण। उन अधिकारों की सूची जो प्रिंसिपल अटॉर्नी को सौंपना चाहता है (जैसे वित्तीय लेन-देन, संपत्ति प्रबंधन, कानूनी कार्यवाहियां आदि)। यह भी निर्दिष्ट करें कि यह पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी स्थायी है या विशिष्ट अवधि के लिए। दस्तावेज पर हस्ताक्षर करें: प्रिंसिपल और अटॉर्नी दोनों को दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने होंगे। कुछ राज्यों में, इस दस्तावेज़ को गवाहों द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाना आवश्यक हो सकता है। नोटराइजेशन (यदि आवश्यक हो): कुछ राज्यों में पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी को नोटरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित करना आवश्यक हो सकता है। नोटरी पब्लिक दस्तावेज़ की सच्चाई की पुष्टि करते हैं और इसे अधिक मान्यता प्राप्त बनाते हैं। रजिस्ट्रेशन (यदि आवश्यक हो): अगर पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी भूमि या अचल संपत्ति से संबंधित है, तो इसे रजिस्ट्रार के पास पंजीकृत करना पड़ सकता है। पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के प्रकार: जनरल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी: सामान्य वित्तीय और कानूनी मामलों के लिए। स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी: विशिष्ट कार्यों या मामलों के लिए। ड्यूरेबल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी: प्रिंसिपल की अक्षमता की स्थिति में भी प्रभावी रहता है। लीगली पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी: कानूनी मामलों को संभालने के लिए। दस्तावेज़ के बाद: एक बार पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी तैयार और हस्ताक्षरित हो जाने के बाद, इसे संबंधित अधिकारियों, बैंकों, या अन्य संस्थानों में प्रस्तुत किया जा सकता है जहाँ पर इसका उपयोग करना है। यदि आपको किसी विशेष प्रकार के पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी या दस्तावेज़ की विधि में सहायता चाहिए, तो आप एक कानूनी सलाहकार से भी संपर्क कर सकते हैं।