भारत में, शादीशुदा व्यक्ति किसी और के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकता है, लेकिन इसका कानूनी दृष्टिकोण बहुत संवेदनशील हो सकता है और यह आपके स्थानीय कानूनों, समाजिक मान्यताओं और न्यायिक निर्णयों पर निर्भर करेगा। भारतीय कानून में, शादीशुदा व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कुछ पहलू को स्पष्ट कर दिया गया है। 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय दिया था जिसमें यह जाहिर किया गया था कि यदि किसी शादीशुदा व्यक्ति और उसके संबंधित व्यक्ति के बीच एक आदर्श संबंध है, जिसे वे अपनी स्वतंत्रता और स्वेच्छा से चुन रहे हैं, तो इसे समाज को स्वीकारना चाहिए। यह निर्णय लिव-इन रिलेशनशिप को समानांतर संबंध के रूप में मान्यता प्रदान करता है। हालांकि, भारतीय कानून में लिव-इन रिलेशनशिप की अधिकांश पहलूओं को सम्बोधित नहीं किया गया है और कुछ न्यायिक निर्णय और कानूनी स्थानांतरण इस मुद्दे पर विभिन्न तारीखों पर आए हैं। यदि आप इस विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो मैं आपको अपने स्थानीय कानूनी परामर्शदाता से संपर्क करने की सलाह दूंगा।
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