क्या दादा-दादी या अन्य रिश्तेदारों को भारत में बच्चों की कस्टडी दी जा सकती है?

Answer By law4u team

हां, दादा-दादी या अन्य रिश्तेदारों को भारत में बच्चों की कस्टडी दी जा सकती है। कानून बच्चे के कल्याण के महत्व को पहचानता है, और अगर यह बच्चे के सर्वोत्तम हित में है, तो अदालत दादा-दादी या अन्य रिश्तेदारों को हिरासत दे सकती है। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890 के तहत, कोई भी व्यक्ति बच्चे की संरक्षकता के लिए आवेदन कर सकता है। शब्द "व्यक्ति" में दादा-दादी, चाची, चाचा और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं। अधिनियम में प्रावधान है कि बच्चे की संरक्षकता तय करने में बच्चे का कल्याण सर्वोपरि होगा। ऐसे मामलों में जहां माता-पिता मृत हैं, लापता हैं, या उन्होंने बच्चे को छोड़ दिया है, दादा-दादी या अन्य रिश्तेदार बच्चे की कस्टडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे मामलों में, अदालत हिरासत आदेश देने से पहले बच्चे के कल्याण और दादा-दादी या रिश्तेदारों की बच्चे की ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता पर विचार करेगी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अदालत दादा-दादी या अन्य रिश्तेदारों को कस्टडी देने से पहले विभिन्न कारकों पर विचार करेगी, और कस्टडी व्यवस्था तय करने में बच्चे के सर्वोत्तम हित प्राथमिक विचार होंगे।

बच्चों की निगरानी Related Questions

Discover clear and detailed answers to common questions about बच्चों की निगरानी. Learn about procedures and more in straightforward language.

Law4u App Download