घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (PWDVA) के तहत, शिकायत दर्ज करने वाली प्राथमिक पीड़ित महिला है, लेकिन कानून विशिष्ट परिस्थितियों में अन्य लोगों को भी उसकी ओर से शिकायत दर्ज करने की अनुमति देता है। यहाँ एक विस्तृत विवरण दिया गया है: 1. "पीड़ित व्यक्ति" कौन है? अधिनियम की धारा 2(ए) के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति का अर्थ है कोई भी महिला जो प्रतिवादी के साथ घरेलू संबंध में है या रही है और जो घरेलू हिंसा के किसी भी कृत्य के अधीन होने का आरोप लगाती है। इसलिए, शिकायत दर्ज की जा सकती है: एक महिला जो घरेलू हिंसा का सामना कर रही है एक महिला जो पहले दुर्व्यवहार करने वाले के साथ घरेलू संबंध में थी (जैसे, तलाकशुदा या अलग) 2. शिकायत कौन दर्ज करा सकता है? पीडब्ल्यूडीवीए की धारा 4(1) के अनुसार: > "कोई भी व्यक्ति जिसके पास यह मानने का कारण है कि घरेलू हिंसा का कृत्य किया गया है या किया जा रहा है, वह संरक्षण अधिकारी को सूचना दे सकता है।" इसका अर्थ है कि निम्नलिखित व्यक्ति भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं या हिंसा की रिपोर्ट कर सकते हैं: कोई भी रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी या सामाजिक कार्यकर्ता अधिनियम के तहत नियुक्त संरक्षण अधिकारी कोई पुलिस अधिकारी कोई भी जनहितैषी व्यक्ति या एनजीओ वे मामले की रिपोर्ट कर सकते हैं या शिकायत दर्ज करा सकते हैं भले ही पीड़ित खुद डर, दबाव या मानसिक स्थिति के कारण शिकायत दर्ज न करा पाए या न करा पाए। 3. फाइलिंग मैकेनिज्म घरेलू हिंसा की शिकायत या रिपोर्ट निम्न माध्यम से दर्ज की जा सकती है: क्षेत्र के संरक्षण अधिकारी पुलिस स्टेशन मजिस्ट्रेट कोर्ट (आमतौर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी या महानगर मजिस्ट्रेट) अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त एनजीओ या सेवा प्रदाता ऐसी शिकायत दर्ज करने के लिए कोई कानूनी शुल्क की आवश्यकता नहीं है, और कार्यवाही संक्षिप्त और पीड़ित के अनुकूल होने का इरादा है। 4. उदाहरण परिस्थितियाँ एक सास अपनी बहू पर हमला करती है - बहू सीधे शिकायत दर्ज कर सकती है। एक पड़ोसी अक्सर हिंसक बहस सुनता है और दुर्व्यवहार का संदेह करता है - वे इसे एक संरक्षण अधिकारी को रिपोर्ट कर सकते हैं। एक महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ है या धमकी दी गई है और रिपोर्ट नहीं कर सकती है - उसका दोस्त या रिश्तेदार उसकी ओर से फाइल कर सकता है। निष्कर्ष: जबकि घरेलू हिंसा की शिकायत आम तौर पर पीड़ित महिला द्वारा दर्ज की जाती है, अन्य लोग - जैसे कि रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी, गैर सरकारी संगठन या संरक्षण अधिकारी - भी उसकी ओर से शिकायत दर्ज कर सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि वह घरेलू हिंसा का सामना कर रही है। धारा 4 के तहत यह व्यापक दायरा सुरक्षा और न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करता है, भले ही पीड़ित अपनी बात कहने में असमर्थ हो।
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