भारत का सर्वोच्च न्यायालय मुख्य रूप से निम्नलिखित भाषाओं का उपयोग करता है: 1. अंग्रेजी - सर्वोच्च न्यायालय की आधिकारिक भाषा भारत के संविधान के अनुच्छेद 348(1)(ए) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय में सभी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी। इसमें याचिकाएँ, हलफनामे, निर्णय, आदेश और तर्क शामिल हैं। 2. स्थानीय (क्षेत्रीय) भाषाओं का उपयोग - अनुमति नहीं पक्ष या अधिवक्ता हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में बहस या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकते। समझने के लिए अनुवाद संलग्न किए जा सकते हैं, लेकिन फाइलिंग और मौखिक तर्क के लिए अंग्रेजी अनिवार्य है। 3. व्याख्या के लिए विशेष अनुरोध (यदि आवश्यक हो) ऐसे दुर्लभ मामलों में, जिनमें पक्षकार अंग्रेजी नहीं समझते हैं, कार्यवाही के दौरान सहायता के लिए दुभाषियों को अनुमति दी जा सकती है। मुख्य कानूनी प्रावधान: अनुच्छेद 348(1)(ए) – सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय अंग्रेजी का प्रयोग करेंगे जब तक कि संसद अन्यथा प्रावधान न करे (जो उसने अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के लिए नहीं किया है)। सारांश: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अंग्रेजी ही एकमात्र भाषा है।
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