क्या भारत कभी भी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय या विश्व व्यापार संगठन के समक्ष किसी विवाद में शामिल रहा है?

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Answer By law4u team

हां, भारत अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) दोनों के समक्ष विवादों में शामिल रहा है। यहाँ एक विस्तृत विवरण दिया गया है: 1. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के समक्ष भारत ICJ संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है, जो देशों के बीच कानूनी विवादों का निपटारा करता है। भारत से जुड़े ICJ के प्रमुख मामले: a) कुलभूषण जाधव मामला (भारत बनाम पाकिस्तान, 2017) – पृष्ठभूमि: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। – भारत का दावा: पाकिस्तान ने भारत को काउंसलर एक्सेस देने से मना करके वियना कन्वेंशन ऑन काउंसलर रिलेशंस का उल्लंघन किया। – परिणाम: 2019 में, ICJ ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। इसने पाकिस्तान को काउंसलर एक्सेस देने और सजा की समीक्षा और पुनर्विचार करने का आदेश दिया। बी) भारतीय क्षेत्र में मार्ग का अधिकार (पुर्तगाल बनाम भारत, 1955) – पृष्ठभूमि: पुर्तगाल ने भारतीय स्वतंत्रता के बाद भारतीय क्षेत्र से होकर अपने परिक्षेत्रों (दादरा और नगर हवेली) में जाने के अधिकार का दावा किया। – परिणाम: 1960 में, ICJ ने राजनयिक और धार्मिक कर्मियों के लिए पुर्तगाल के दावे को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, लेकिन व्यापक दावों को खारिज कर दिया। भारत ने फैसले का सम्मान किया। 2. विश्व व्यापार संगठन (WTO) के समक्ष भारत WTO सदस्य देशों के बीच व्यापार-संबंधी विवादों को हल करने के लिए विवाद निपटान तंत्र प्रदान करता है। भारत से जुड़े प्रमुख WTO मामले: a) भारत – सौर सेल (2013) – शिकायतकर्ता: संयुक्त राज्य अमेरिका – मुद्दा: भारत की यह आवश्यकता कि सौर ऊर्जा डेवलपर्स घरेलू रूप से निर्मित सौर सेल का उपयोग करें, को WTO के गैर-भेदभाव नियमों के उल्लंघन के रूप में चुनौती दी गई। – परिणाम: WTO ने भारत के खिलाफ फैसला सुनाया। भारत को अनुपालन के लिए अपनी सौर नीति में संशोधन करना पड़ा। b) भारत – कृषि आयात प्रतिबंध (संयुक्त राज्य अमेरिका से पोल्ट्री, 2012) – शिकायतकर्ता: संयुक्त राज्य अमेरिका – मुद्दा: भारत ने बर्ड फ्लू का हवाला देते हुए अमेरिकी पोल्ट्री उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया। अमेरिका ने प्रतिबंध को अवैज्ञानिक और व्यापार-प्रतिबंधक के रूप में चुनौती दी। - परिणाम: WTO ने भारत के खिलाफ फैसला सुनाया, जिसमें पाया गया कि प्रतिबंध SPS (स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपाय) समझौते के अनुरूप नहीं है। c) भारत - स्टील और एल्युमीनियम टैरिफ (2020) प्रतिवादी: संयुक्त राज्य अमेरिका भारत ने भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाने के अमेरिका के फैसले को WTO नियमों के अनुरूप नहीं बताते हुए चुनौती दी। यह एक जारी मुद्दा है जिसमें कई देश शामिल हैं। d) भारत - चीनी सब्सिडी (2019) शिकायतकर्ता: ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला मुद्दा: भारत पर चीनी उत्पादकों को सब्सिडी देने और निर्यात सब्सिडी पर WTO की सीमाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। परिणाम: WTO ने फैसला सुनाया कि भारत ने अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है। भारत इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहा है। संक्षेप में: हां, भारत ने: – विशेष रूप से व्यापार, कृषि और सब्सिडी पर शिकायतकर्ता और प्रतिवादी दोनों के रूप में कई WTO विवादों में भाग लिया है। – कुलभूषण जाधव मामले और पुर्तगाल मार्ग मामले जैसे ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय कानून मामलों में ICJ के समक्ष पेश हुआ है।

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