Answer By law4u team
हाँ, सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में आरटीआई दायर की जा सकती है, क्योंकि अधिनियम की धारा 2(एच) के अंतर्गत पीएमओ एक सार्वजनिक प्राधिकरण है। पीएमओ से कौन सी जानकारी मांगी जा सकती है? आप निम्नलिखित जानकारी के लिए पीएमओ में आरटीआई दायर कर सकते हैं: पीएमओ द्वारा रखे गए संचार, निर्णयों या दस्तावेज़ों की प्रतियाँ नियुक्तियाँ, स्थानांतरण या प्रशासनिक निर्णय (सीमा के भीतर) जन शिकायतों या अभ्यावेदनों पर की गई कार्रवाई नीति-संबंधी स्पष्टीकरण (यदि रिकॉर्ड में हों) पीएमओ द्वारा जारी योजनाओं, कार्यक्रमों या निर्देशों की जानकारी पीएमओ से संबंधित यात्राओं और कार्यक्रमों का व्यय विवरण आप क्या प्राप्त नहीं कर सकते: कुछ जानकारी निम्नलिखित के तहत अस्वीकार की जा सकती है: धारा 8(1) - यदि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक हितों, विदेशी संबंधों या व्यक्तिगत गोपनीयता को प्रभावित करती है धारा 24 - छूट प्राप्त संगठनों (जैसे रॉ, आईबी) के लिए, जब तक कि मानवाधिकारों या भ्रष्टाचार से संबंधित न हों तीसरे पक्ष के बारे में व्यक्तिगत या संवेदनशील डेटा राय या स्पष्टीकरण (आरटीआई "रखी" या "रिकॉर्ड में" जानकारी के लिए है, राय बनाने के लिए नहीं) पीएमओ में आरटीआई कैसे दायर करें: ऑनलाइन (अनुशंसित): 1. यहां जाएं: [https://rtionline.gov.in](https://rtionline.gov.in) 2. लोक प्राधिकरण सूची से “प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ)” चुनें 3. अपना प्रश्न भरें, ₹10 ऑनलाइन भुगतान करें 4. सबमिट करें और ट्रैकिंग के लिए अपना पंजीकरण नंबर संभाल कर रखें ऑफ़लाइन: 1. सादे कागज़ पर आरटीआई आवेदन इस पते पर लिखें: > जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) > प्रधानमंत्री कार्यालय > साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल, नई दिल्ली – 110011 2. भारतीय पोस्टल ऑर्डर (आईपीओ) या डीडी के माध्यम से ₹10 का भुगतान करें 3. इसे पंजीकृत डाक से भेजें समय सीमा: 30 दिनों के भीतर जवाब अपेक्षित यदि कोई जवाब नहीं मिलता है या असंतोषजनक है, तो आप धारा 144 के तहत प्रथम अपील दायर कर सकते हैं 19(1) कौन दाखिल कर सकता है? कोई भी भारतीय नागरिक प्रधानमंत्री कार्यालय में आरटीआई दाखिल कर सकता है। इसके लिए कोई कारण या उद्देश्य बताने की आवश्यकता नहीं है। निष्कर्ष: हाँ, आप प्रधानमंत्री कार्यालय में आरटीआई दाखिल कर सकते हैं, और प्रधानमंत्री कार्यालय कानूनी रूप से जवाब देने के लिए बाध्य है, जब तक कि वह सूचना आरटीआई अधिनियम के तहत छूट प्राप्त न हो।