Answer By law4u team
कोर्ट में झूठी गवाही देना गंभीर आपराध है और इसे पुराने कानूनी प्रणाली में "स्वोराज्य का अपमान" या "दोषी गवाही" के तहत शामिल किया जाता था। यह अपराध क्राइम ऑफ फाल्स इविडेंस (यानी झूठी गवाही देने के अपराध) का हिस्सा है और कानूनी प्रणाली में बहुत सी देशों में दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता प्राप्त है। व्यक्ति को झूठी गवाही देने पर कोर्ट द्वारा निर्णय लिया जाता है, और उसे अपराध के तहत दंडित किया जा सकता है। इसके तहत, संदिग्ध कोर्ट द्वारा उस व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई या सजा का आदेश जारी किया जा सकता है। यहां कुछ संभावित सजा की स्थितियाँ हैं, जो देश और कानूनी प्रणाली पर आधारित हो सकती हैं: जुर्माना: कोर्ट द्वारा जुर्माना या फाइन का आदेश जारी किया जा सकता है, जिसमें व्यक्ति को निर्दिष्ट धन राशि अदा करनी होती है। सजा: झूठी गवाही देने के अपराध को कानूनी तहत गंभीर मानाजाता है और सजा के रूप में कड़ी संगठित हिरासत (जेल) का आदेश जारी किया जा सकता है। सजा की अवधि विभिन्न कानूनी प्रणाली के अनुसार भिन्न हो सकती है, जैसे कि दो वर्ष से लेकर जीवनकालीन कारावास तक। दंडात्मक नौकरी: व्यक्ति को दंडात्मक नौकरी के तहत रखने का आदेश जारी किया जा सकता है, जिससे उसे सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। पुनर्विचार और समाजसेवा: व्यक्ति को पुनर्विचार और समाजसेवा के तहत रखा जा सकता है, जिसमें उसे संबंधित समुदाय में कार्य करना होता है और अपराध के प्रतिभागी के रूप में सामाजिक सुरक्षा में योगदान देना होता है। यह सजाएं केवल सामान्य संदर्भ के उदाहरण हैं और कोर्ट का निर्णय केस के परिस्थितियों, देश के कानूनों और कानूनी प्रणाली के आधार पर भिन्न हो सकता है।