भारत में कोर्ट मैरिज की अवधि संबंधित पर्सनल लॉ और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत आवश्यक प्रक्रियात्मक चरणों पर निर्भर करती है, जो अंतर-धार्मिक और गैर-धार्मिक सिविल विवाहों को नियंत्रित करता है। यहाँ समय-सीमा का विवरण दिया गया है: विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत (कोर्ट मैरिज के लिए सबसे आम) कुल अवधि: न्यूनतम 30 दिन समय-सीमा इस प्रकार काम करती है: 1. इच्छित विवाह की सूचना दंपत्ति को उस क्षेत्राधिकार में विवाह अधिकारी (रजिस्ट्रार) के पास विवाह की सूचना दाखिल करनी होगी जहाँ कम से कम एक साथी पहले कम से कम 30 दिन तक रहा हो। यह सूचना आपत्तियों (यदि कोई हो) के लिए 30 दिनों तक प्रकाशित और प्रदर्शित की जाती है। आप इस 30-दिवसीय अवधि को छोड़ नहीं सकते — यह अधिनियम की धारा 5 और 6 के तहत अनिवार्य है। 2. आपत्ति अवधि यदि 30 दिनों के दौरान कोई आपत्ति नहीं उठाई जाती है, तो विवाह अधिकारी विवाह पंजीकरण के लिए एक तिथि निर्धारित करता है। यदि आपत्तियाँ उठाई जाती हैं, तो प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका समाधान कितनी जल्दी होता है। 3. विवाह पंजीकरण और अनुष्ठान 30 दिनों के बाद, और यदि कोई वैध आपत्ति नहीं है, तो जोड़े को घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने और विवाह संपन्न कराने के लिए तीन गवाहों के साथ विवाह अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा। विवाह प्रमाणपत्र उसी दिन जारी किया जाता है। तो, कुल मिलाकर: न्यूनतम समय: 30 दिन अधिकतम समय: आपत्तियों, दस्तावेज़ संबंधी समस्याओं या प्रक्रियात्मक देरी पर निर्भर करता है (45-60 दिन या उससे अधिक तक बढ़ सकता है)। यदि आप 30-दिन के नोटिस से बचना चाहते हैं विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज के लिए हमेशा 30-दिन का नोटिस आवश्यक होता है। सामान्य परिस्थितियों में इस नोटिस अवधि को माफ करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। कुछ जोड़े व्यक्तिगत कानूनों (जैसे हिंदू विवाह अधिनियम) के तहत विवाह करने और उसके बाद पंजीकरण कराने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह वास्तविक "कोर्ट मैरिज" नहीं है। आवश्यक दस्तावेज़ (मूल सूची) आयु प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पासपोर्ट, आदि) पते का प्रमाण पासपोर्ट आकार के फ़ोटो वैवाहिक स्थिति का शपथ पत्र जन्म प्रमाण पत्र पहचान पत्र के साथ गवाह सारांश विशेष विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज में कम से कम 30 दिन लगते हैं। यह समय सूचना जमा करने की तिथि से शुरू होता है। यदि कोई आपत्ति नहीं उठाई जाती है, तो विवाह 30 दिनों की सार्वजनिक सूचना अवधि के बाद संपन्न होता है।
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