होलोग्राफिक वसीयत एक प्रकार की वसीयत होती है जो पूरी तरह से वसीयत बनाने वाले व्यक्ति (वसीयतकर्ता) द्वारा हस्तलिखित और हस्ताक्षरित होती है, बिना किसी गवाह या टाइप किए हुए दस्तावेज़ों की भागीदारी के। यह वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति के वितरण के बारे में उसकी मंशा को उसकी अपनी हस्तलिपि में व्यक्त करती है। भारतीय कानून में, जहाँ पारंपरिक वसीयतों के लिए आमतौर पर गवाहों जैसी कुछ औपचारिकताओं की आवश्यकता होती है, वहीं कुछ नए कानून या व्यक्तिगत कानून होलोग्राफिक वसीयत को कुछ शर्तों, जैसे कि वसीयतकर्ता द्वारा स्पष्ट हस्तलिखित अभिव्यक्ति और हस्ताक्षर, के पूरा होने पर वैध मान सकते हैं। होलोग्राफिक वसीयत की प्रमुख विशेषताएँ हैं: पूरी तरह से वसीयतकर्ता द्वारा अपनी हस्तलिपि में लिखी गई। वसीयतकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित। इसमें गवाहों की आवश्यकता नहीं होती (अधिकार क्षेत्र या लागू कानून के आधार पर)। इसे बनाना आसान हो सकता है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता या मंशा साबित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
Discover clear and detailed answers to common questions about वसीयत & ट्रस्ट. Learn about procedures and more in straightforward language.