भारत में, कोर्ट मैरिज के लिए न्यूनतम आयु विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत स्पष्ट रूप से परिभाषित है, जो धर्म की परवाह किए बिना सिविल विवाहों को नियंत्रित करता है। कोर्ट मैरिज के लिए न्यूनतम आयु: पुरुष (लड़का): कम से कम 21 वर्ष होना चाहिए महिला (लड़की): कम से कम 18 वर्ष होना चाहिए कानूनी संदर्भ: विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 4(सी) के तहत, कानून कहता है कि: “पुरुष की आयु इक्कीस वर्ष और महिला की आयु अठारह वर्ष पूरी हो चुकी है।” भारत में कोर्ट मैरिज के लिए यह आयु आवश्यकता सभी धर्मों, समुदायों और राज्यों में लागू होती है। कोर्ट मैरिज के लिए अन्य शर्तें (आयु के अलावा): 1. दोनों पक्ष विवाह के समय अविवाहित होने चाहिए (या कानूनी रूप से तलाकशुदा/विधवा)। 2. उनका मानसिक संतुलन ठीक होना चाहिए और वैध सहमति देने में सक्षम होना चाहिए। 3. जब तक प्रथा अनुमति न दे, वे किसी निषिद्ध रिश्ते (जैसे करीबी रक्त संबंधियों) में नहीं होने चाहिए। 4. इच्छित विवाह की सूचना विवाह रजिस्ट्रार के कार्यालय में 30 दिन पहले दर्ज की जानी चाहिए। कम उम्र में विवाह के कानूनी परिणाम: ऐसा कोर्ट मैरिज जिसमें दोनों में से कोई भी पक्ष कम उम्र का हो, कानूनी रूप से वैध नहीं है। इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है या रद्द किया जा सकता है। बाल विवाह को प्रोत्साहित करना या करवाना बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत दंडनीय है। सारांश: लड़के की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए लड़की की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए भारत में सभी कोर्ट मैरिज के लिए ये आयु सीमाएँ सख्ती से लागू हैं।
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