क्लेम रिजेक्ट होने पर आपको निम्नलिखित कदम उठाने का विचार करना चाहिए: क्लेम का समीक्षण करें: पहले तो आपको देखना होगा कि क्यों आपका क्लेम रिजेक्ट हुआ है। आपको बायम कंपनी से प्राप्त हुई क्लेम रिजेक्शन की पूरी जानकारी मिलेगी, जिसमें वे रिजेक्ट करने के पीछे के कारण वर्णित होंगे। संपर्क करें: क्लेम रिजेक्ट होने पर, आपको अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए और उनसे स्पष्टीकरण मांगना चाहिए कि उन्होंने क्लेम को क्यों रिजेक्ट किया है। समस्या को सुलझाएं: बायम कंपनी से मिलकर आपको समस्या को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। यदि आपके पास और सबूत होते हैं जो क्लेम की मांग को सही तरीके से समर्थन देते हैं, तो इसे बायम कंपनी के सामने रखें। बायम कंपनी के आपत्ति प्राधिकृती अधिकार का उपयोग करें: यदि आपके साथ क्लेम की आपत्ति प्राधिकृती अधिकार (Insurance Ombudsman) है, तो आप इसका उपयोग करके अपनी आपत्ति को विचार करवा सकते हैं। यह एक स्वाधीन और अदालतिक इंस्टीट्यूशन होता है जो बीमा आपत्तियों को सुलझाने में मदद करता है। कानूनी सलाह लें: यदि आपके पास क्लेम के खिलाफ स्पष्ट कानूनी आरोप हैं और आपकी बायम कंपनी से मांग को लेकर समस्या सुलझाने में सफलता नहीं मिलती है, तो आपको कानूनी सलाह लेना चाहिए और कानूनी कदम उठाना चाहिए। कृपया ध्यान दें कि बीमा क्लेम के मामले में कई कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं, और आपको अपने मामले को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए कानूनी सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।
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