भारत में, महिलाओं के सुरक्षा, संरक्षण, और अधिकारों से संबंधित अपराधों और मुद्दों के साथ-साथ कई कानून और प्रावधान होते हैं। यहां कुछ मुख्य कानून और महिलाओं से संबंधित कानूनी प्रावधान हैं: महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम, 2005 (PWDVA): इस अधिनियम का उद्देश्य परिवार के अंदर और आवश्यक संबंधों में महिलाओं को घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से सुरक्षित रखना है। इसमें कई प्रकार के सुरक्षा आदेश और राहत उपाय दिए गए हैं। दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961: यह अधिनियम विवाहों में दहेज देने या लेने को प्रतिषेध करता है और ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के लिए दंड प्रदान करता है। कामस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का निवारण, प्रतिषेधन और पुनर्विचार अधिनियम, 2013: यह कानून कामस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को निवारण और संबंधित करने का उद्देश्य रखता है और संगठनों में आंतरिक शिकायत समितियों की स्थापना की जरूरत होती है। आपराधिक विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013: इस भारतीय संविदान की संशोधन ने यौन अपराधों जैसे बलात्कार, एसिड हमला और पीछा करने के लिए कानून को और सख्त बनाने के लिए परिवर्तन किए। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006: इस अधिनियम का उद्देश्य बाल विवाहों को रोकना है और ऐसे विवाहों को निरस्त करने और उन्हें सहमति देने वालों के लिए दंड प्रदान करता है। गर्भपात का चिकित्सा प्रतिषेध अधिनियम, 1971: इस अधिनियम में गर्भपात की चिकित्सा के लिए किस स्थितियों के तहत यह किया जा सकता है, और महिलाओं के जननांग के अधिकार और स्वास्थ
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