Answer By law4u team
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत, एक पुरुष द्वारा दो से अधिक विवाह करना अवैध माना जाता है। इस स्थिति में दूसरी पत्नी का कानूनी दर्जा या संपत्ति के मामले में अधिकार संबंधित कानून द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है। हालांकि, भारतीय कानून में कुछ विशेष प्रावधान हैं जिनके तहत दूसरी पत्नी को कुछ अधिकार प्राप्त हो सकते हैं। यह प्रावधान धार्मिक एवं सामाजिक लक्ष्यों को संरक्षित रखने का प्रयास हैं। उदाहरण के लिए, किसी राज्य के विशेष विधान के तहत, दूसरी पत्नी को कुछ वित्तीय और सामाजिक लाभ प्राप्त करने का अधिकार हो सकता है। कृपया ध्यान दें कि कानून का अध्ययन करने के बाद भी, आपको अपने क्षेत्रीय कानूनी पेशेवर से संपर्क करके यथायोग्य सलाह प्राप्त करनी चाहिए। वे आपको विवाह अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के प्रावधानों की विस्तारित जानकारी देंगे।