Answer By law4u team
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ई-फाइलिंग प्रणाली एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो वादियों, वकीलों और कानूनी फर्मों को अदालत में शारीरिक रूप से आए बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से याचिकाएँ, आवेदन और अन्य अदालती दस्तावेज़ दाखिल करने की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य फाइलिंग प्रक्रिया को तेज़, अधिक कुशल, पारदर्शी और सुलभ बनाना है। 1. पृष्ठभूमि और उद्देश्य: डिजिटलीकरण और कागज़ रहित कामकाज की दिशा में सर्वोच्च न्यायालय के कदम के हिस्से के रूप में पेश किया गया। रिट याचिकाएँ, सिविल अपील, विशेष अनुमति याचिकाएँ, समीक्षा याचिकाएँ और अन्य जैसे विभिन्न प्रकार के मामलों को ऑनलाइन प्रस्तुत करने की सुविधा देता है। देश में कहीं भी स्थित पक्षों के लिए भौतिक कागजी कार्रवाई को कम करता है, समय बचाता है और सुविधा बढ़ाता है। 2. सर्वोच्च न्यायालय ई-फाइलिंग प्रणाली की विशेषताएँ: ऑनलाइन पंजीकरण: अधिवक्ताओं और वादियों को उपयोगकर्ता खाता बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ई-फाइलिंग पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। दस्तावेज़ अपलोड करें: उपयोगकर्ता निर्धारित प्रारूपों (आमतौर पर पीडीएफ) में याचिकाएँ, हलफनामे, अनुलग्नक और अन्य दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। न्यायालय शुल्क का भुगतान: न्यायालय शुल्क और प्रक्रिया शुल्क का भुगतान विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। मामले की ट्रैकिंग: उपयोगकर्ता अपनी फाइलिंग की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं और केस की प्रगति पर अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। पावती और रसीद: सफलतापूर्वक फाइलिंग करने पर, एक इलेक्ट्रॉनिक रसीद या पावती तैयार की जाती है, जो फाइलिंग के प्रमाण के रूप में काम करती है। 3. कवर किए गए मामलों के प्रकार: सिविल अपील आपराधिक अपील और याचिकाएँ विशेष अनुमति याचिकाएँ (एसएलपी) रिट याचिकाएँ समीक्षा याचिकाएँ स्थानांतरण याचिकाएँ अन्य विविध याचिकाएँ 4. कानूनी ढांचा और नियम: ई-फाइलिंग प्रणाली सुप्रीम कोर्ट रूल्स, 2013 और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी प्रासंगिक दिशा-निर्देशों द्वारा शासित है। अधिवक्ताओं को ई-फाइलिंग प्रणाली का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में अभी भी भौतिक फाइलिंग की अनुमति है। 5. लाभ: दूरदराज के क्षेत्रों में वादियों के लिए पहुँच में वृद्धि। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में भौतिक यात्राओं में कमी। मामलों की फाइलिंग और प्रसंस्करण में तेज़ी। केस के दस्तावेजों की पारदर्शिता और आसान पुनर्प्राप्ति। कागज़ के उपयोग को कम करके पर्यावरण के अनुकूल। 6. उपयोग कैसे करें: आधिकारिक सुप्रीम कोर्ट ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएँ। उपयोगकर्ता (वकील या वादी) के रूप में पंजीकरण करें। न्यायालय के नियमों के अनुसार दस्तावेज़ तैयार करें। दस्तावेज़ अपलोड करें, शुल्क का भुगतान करें और फाइलिंग जमा करें। इलेक्ट्रॉनिक पुष्टि प्राप्त करें। सारांश: सुप्रीम कोर्ट की ई-फाइलिंग प्रणाली एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से मामलों को दाखिल करने और प्रबंधित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करती है। यह भारत की व्यापक डिजिटल शासन पहलों के साथ संरेखित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में दक्षता, पहुँच और पारदर्शिता को बढ़ाता है।