Answer By law4u team
भारत का सर्वोच्च न्यायालय कई प्रकार के मामलों की सुनवाई करता है, जिनमें शामिल हैं: संवैधानिक मामले: इन मामलों में भारतीय संविधान की व्याख्या और संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित कानूनों की वैधता शामिल है। दीवानी मामले: ये मामले व्यक्तियों, कंपनियों और अन्य संस्थाओं के बीच विवादों से निपटते हैं। आपराधिक मामले: इन मामलों में ऐसे अपराध शामिल हैं जिन्हें भारतीय कानून के तहत अपराध माना जाता है। जनहित याचिका (पीआईएल) मामले: इन मामलों में ऐसे मुद्दे शामिल होते हैं जो सार्वजनिक हित को प्रभावित करते हैं और समग्र रूप से समाज के कल्याण को बढ़ावा देना चाहते हैं। अपील: सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों सहित निचली अदालतों और न्यायाधिकरणों के निर्णयों के खिलाफ अपील सुनता है। संदर्भ के मामले: भारत के राष्ट्रपति अपनी राय के लिए सर्वोच्च न्यायालय को कानून के प्रश्न का उल्लेख कर सकते हैं। विशेष अनुमति याचिकाएं: सर्वोच्च न्यायालय के पास भारत में उच्च न्यायालय या किसी अन्य अदालत या न्यायाधिकरण के किसी भी निर्णय या आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए विशेष अनुमति देने की शक्ति है। कुल मिलाकर, सर्वोच्च न्यायालय के पास कानून और भारत के संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार है।