Answer By law4u team
हाँ, भारत का सर्वोच्च न्यायालय छुट्टियों के दिन मामलों की सुनवाई कर सकता है, लेकिन केवल असाधारण या अत्यावश्यक परिस्थितियों में। मुख्य तथ्य: सर्वोच्च न्यायालय आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार तक काम करता है। छुट्टियों में शनिवार, रविवार और घोषित अदालती छुट्टियां (जैसे गर्मी और सर्दी की छुट्टियां) शामिल हैं। हालांकि, न्यायालय के पास छुट्टियों या अवकाश के दौरान मामलों की सुनवाई के लिए विशेष पीठों का गठन करने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय छुट्टियों के दिन मामलों की सुनवाई कब कर सकता है? निम्नलिखित मामलों में: अत्यावश्यक मामले (जैसे, आसन्न फांसी, संवैधानिक संकट, प्राकृतिक आपदाएँ), बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएँ, उच्च न्यायालय के आदेशों पर रोक जिससे तत्काल नुकसान हो, चुनाव से संबंधित विवाद, जनहित के मामले जिसमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो। उदाहरण: याकूब मेमन की दया याचिका (2015) में, सुप्रीम कोर्ट छुट्टी के दिन सुबह 3:20 बजे बैठा। कोविड-संबंधी या पर्यावरणीय आपात स्थितियों में, बेंच सप्ताहांत और देर शाम को भी बैठी हैं। यहां तक कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी, तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए अवकाश पीठ का गठन किया जाता है। कानूनी प्रावधान: सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश VI, नियम 1 के तहत: > मुख्य न्यायाधीश छुट्टी या छुट्टियों के दौरान मामलों की सुनवाई करने के लिए एक खंडपीठ या किसी न्यायाधीश को नियुक्त कर सकते हैं। निष्कर्ष: हां, सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के दिनों में मामलों की सुनवाई कर सकता है और करता भी है, लेकिन केवल तत्काल या असाधारण मामलों के लिए। यह नियमित नहीं है और केवल तभी किया जाता है जब न्याय के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है।