साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज के बीच का अंतर इस बात में निहित है कि ब्याज की गणना कैसे की जाती है और समय के साथ उसे कैसे जोड़ा जाता है। यहाँ सरल शब्दों में एक स्पष्ट व्याख्या दी गई है: 1. साधारण ब्याज (SI) साधारण ब्याज की गणना ऋण या निवेश अवधि के दौरान केवल मूलधन पर की जाती है। ब्याज बढ़ता नहीं है क्योंकि यह मूलधन में नहीं जुड़ता है। सूत्र: SI = (P × R × T) / 100 जहाँ: P = मूलधन (प्रारंभिक राशि) R = प्रति वर्ष ब्याज दर T = समय (वर्षों में) मुख्य बिंदु: ब्याज हर साल समान रहता है। कुल ब्याज समय के समानुपाती होता है। गणना और समझने में आसान। उदाहरण: यदि ₹10,000 को 2 वर्षों के लिए 10% साधारण ब्याज पर निवेश किया जाता है: SI = (10,000 × 10 × 2) / 100 = ₹2,000 कुल राशि = ₹10,000 + ₹2,000 = ₹12,000 2. चक्रवृद्धि ब्याज (CI) चक्रवृद्धि ब्याज की गणना मूलधन और पिछली अवधियों के संचित ब्याज पर की जाती है। इसका अर्थ है कि हर बार गणना करने पर मूलधन में ब्याज जोड़ा जाता है, और अगला ब्याज इस नई राशि पर गणना किया जाता है। सूत्र (वार्षिक चक्रवृद्धि): CI = P × (1 + R/100)^T – P जहाँ: P = मूलधन R = प्रति वर्ष ब्याज दर T = वर्षों में समय मुख्य बिंदु: ब्याज मूलधन में जुड़ जाता है। समय के साथ ब्याज बढ़ता है (चक्रवृद्धि के कारण)। समान मूलधन, दर और समय के लिए साधारण ब्याज की तुलना में प्रतिफल अधिक होता है। उदाहरण: यदि ₹10,000 को 2 वर्षों के लिए 10% चक्रवृद्धि ब्याज पर निवेश किया जाता है: राशि = 10,000 × (1 + 10/100)^2 = 10,000 × 1.21 = ₹12,100 चक्रवृद्धि ब्याज = ₹12,100 – ₹10,000 = ₹2,100 मुख्य अंतर: साधारण ब्याज: ब्याज की गणना हमेशा मूलधन पर की जाती है। चक्रवृद्धि ब्याज: ब्याज की गणना मूलधन + पिछले ब्याज पर की जाती है। वृद्धि: साधारण ब्याज रैखिक रूप से बढ़ता है; चक्रवृद्धि ब्याज चरघातांकी रूप से बढ़ता है। प्रतिफल: चक्रवृद्धि ब्याज समय के साथ साधारण ब्याज की तुलना में अधिक प्रतिफल देता है। व्यवहार में, बैंक और वित्तीय संस्थान आमतौर पर बचत और निवेश के लिए चक्रवृद्धि ब्याज का उपयोग करते हैं, जबकि साधारण ब्याज का उपयोग कुछ अल्पकालिक ऋणों या योजनाओं में किया जा सकता है।
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