बंटवारा संपत्ति पर स्टाम्प पेपर शुल्क भुगतान करने की दर का निर्धारण राज्य और क्षेत्र के बांटवारे अधिनियम पर निर्भर करेगा। भारत में यह दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। इसलिए, आपको अपने राज्य के बंटवारे अधिनियम या संपत्ति बंटवारे के नियमों की जांच करनी चाहिए या स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय की सलाह लेनी चाहिए। विभिन्न राज्यों में स्टाम्प पेपर शुल्क का प्रतिशत भिन्न हो सकता है और यह संपत्ति के प्रकार, मूल्य और उपयोग के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। कुछ राज्यों में, बंटवारा संपत्ति पर लागू होने वाले स्टाम्प पेपर शुल्क की दर निम्नलिखित हो सकती है: आम बंटवारा: यह बंटवारा संपत्ति जैसे की भूमि, घर, बंगले, दुकान, आदि के मामले में लागू हो सकता है। स्टाम्प पेपर शुल्क की दर के रूप में कुछ प्रतिशत की दरें निर्धारित की जाती हैं, जो संपत्ति के मूल्य और क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, यह दर कुछ राज्यों में 5% से 7% तक हो सकती है। विधिक बंटवारा: कुछ राज्यों में, बंटवारा संपत्ति के विशेष मामलों, जैसे वसीयत, दायित्व, दंपति विचाराधीनता, आदि पर भी स्टाम्प पेपर शुल्क लागू होता है। इन मामलों में स्टाम्प पेपर शुल्क की दरें आम बंटवारा से भिन्न हो सकती हैं और राज्य के बंटवारे अधिनियम के अनुसार निर्धारित की जाती हैं। इसलिए, स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय या स्थानीय निर्धारित प्राधिकारी से संपर्क करके आप अपने बंटवारे संपत्ति के लिए स्टाम्प पेपर शुल्क की विशेष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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