भारत में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (RERA) के तहत, अधिभोग प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया में आम तौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं: निर्माण का पूरा होना: बिल्डर या डेवलपर को स्वीकृत योजनाओं और विनिर्देशों के अनुसार परियोजना का निर्माण पूरा करना होगा। अधिभोग प्रमाणपत्र के लिए आवेदन: डेवलपर स्थानीय नगरपालिका प्राधिकरण या सक्षम प्राधिकारी को अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करता है। इस आवेदन में आवश्यक दस्तावेज जैसे कि पूर्णता प्रमाणपत्र, अनुमोदन और अन्य आवश्यक दस्तावेज शामिल होने चाहिए। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण: संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए निर्माण का निरीक्षण करेंगे कि यह स्वीकृत योजनाओं और विनियमों का अनुपालन करता है। वे सुरक्षा, स्वच्छता और बिल्डिंग कोड के पालन जैसे पहलुओं की जाँच करेंगे। अनुपालन का सत्यापन: अधिकारी यह सत्यापित करते हैं कि परियोजना बिल्डिंग परमिट में निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करती है और लागू विनियमों का अनुपालन करती है। प्रमाणपत्र जारी करना: यदि परियोजना सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है, तो अधिकारी अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करेंगे। यह प्रमाण-पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि इमारत कब्जे के लिए उपयुक्त है। डेवलपर की जिम्मेदारी: RERA के तहत, डेवलपर्स को खरीदारों को अधिभोग प्रमाण-पत्र प्रदान करना आवश्यक है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें RERA पोर्टल पर परियोजना की स्थिति को भी अपडेट करना होगा। RERA अनुपालन: डेवलपर को RERA प्रावधानों का अनुपालन भी सुनिश्चित करना होगा, जिसमें परियोजना की समय पर डिलीवरी और सहमत विनिर्देशों का पालन करना शामिल है। स्थानीय नगरपालिका नियमों और संबंधित राज्य के RERA प्राधिकरण द्वारा निर्धारित विशिष्ट नियमों के आधार पर सटीक प्रक्रिया और आवश्यकताएँ भिन्न हो सकती हैं।
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